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Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत की पूजा में इन मंत्रों का करें जाप, जीवन के संकटों से मिलेगा छुटकारा

प्रदोष व्रत के दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा करने से इंसान को सभी तर्ज के रोगों से मुक्ति मिलती है। साथ ही आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। यदि आप भी भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए प्रदोष व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ की विधिपूर्वक पूजा करें और साथ ही पूजा करते समय इन मंत्रों का जाप करें।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sun, 31 Mar 2024 02:40 PM (IST)
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Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत की पूजा में इन मंत्रों का करें जाप, जीवन के संकटों से मिलेगा छुटकारा
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Pradosh Vrat Puja Mantra: हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। इस बार चैत्र माह में प्रदोष व्रत 6 अप्रैल, 2024 दिन शनिवार को रखा जाएगा। यह व्रत देवों के देव महादेव को समर्पित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा और व्रत करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और ईश्वर की कृपा से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट से छुटकारा मिलता है। यदि आप भी भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए प्रदोष व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ की विधिपूर्वक पूजा करें और साथ ही पूजा करते समय इन मंत्रों का जाप करें।

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शिव आवाहन मंत्र

ॐ मृत्युंजय परेशान जगदाभयनाशन ।

तव ध्यानेन देवेश मृत्युप्राप्नोति जीवती ।।

वन्दे ईशान देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने ।

नमस्तस्मै भगवते कैलासाचल वासिने ।

आदिमध्यांत रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।

त्र्यंबकाय नमस्तुभ्यं पंचस्याय नमोनमः ।

नमोब्रह्मेन्द्र रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।

नमो दोर्दण्डचापाय मम मृत्युम् विनाशय ।।

देवं मृत्युविनाशनं भयहरं साम्राज्य मुक्ति प्रदम् ।

नमोर्धेन्दु स्वरूपाय नमो दिग्वसनाय च ।

नमो भक्तार्ति हन्त्रे च मम मृत्युं विनाशय ।।

अज्ञानान्धकनाशनं शुभकरं विध्यासु सौख्य प्रदम् ।

नाना भूतगणान्वितं दिवि पदैः देवैः सदा सेवितम् ।।

सर्व सर्वपति महेश्वर हरं मृत्युंजय भावये ।।

रूद्र गायत्री मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

शिव प्रार्थना मंत्र

करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।

विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥

शिव नमस्काराथा मंत्र

ॐ नमो हिरण्यबाहवे हिरण्यवर्णाय हिरण्यरूपाय

हिरण्यपतए अंबिका पतए उमा पतए पशूपतए नमो नमः

ईशान सर्वविद्यानाम् ईश्वर सर्व भूतानाम्

ब्रह्मादीपते ब्रह्मनोदिपते ब्रह्मा शिवो अस्तु सदा शिवोहम

तत्पुरुषाय विद्महे वागविशुद्धाय धिमहे तन्नो शिव प्रचोदयात्

महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धिमहे तन्नों शिव प्रचोदयात्

नमस्ते अस्तु भगवान विश्वेश्वराय महादेवाय त्र्यंबकाय त्रिपुरान्तकाय

त्रिकाग्नी कालाय कालाग्नी रुद्राय नीलकंठाय मृत्युंजयाय

सर्वेश्वराय सदशिवाय श्रीमान महादेवाय नमः

शिव मंत्र

अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्।

अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम् ॥

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डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।