Pradosh 2021 : प्रदोष व्रत का विशेष महत्त्व, होगी संतान सुख की प्राप्ति
Pradosh 2021 यह व्रत प्रत्येक माह के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर किया जाता है। हिन्दू धर्म में प्रदोष तिथि को भगवान शिव को समर्पित किया गया है। इस व्रत को रखने से चंद्रग्रह के दोष दूर होते हैं।
By Ritesh SirajEdited By: Updated: Tue, 13 Jul 2021 02:24 PM (IST)
Pradosh 2021 : हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। जिस तरह प्रत्येक माह में दो एकादशी होती है, उसी तरह दो प्रदोष भी होते हैं। हिंदी पंचांग के अनुसार, एकादशी और प्रदोष दोनों ही तिथियां चंद्र के कलाओं से संबंधित हैं। प्रदोष व्रत शिव उपासना का व्रत माना जाता है। यह व्रत प्रत्येक माह के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर किया जाता है। हिन्दू धर्म में प्रदोष तिथि को भगवान शिव को समर्पित किया गया है। इस व्रत को रखने से चंद्रग्रह के दोष दूर होते हैं। सप्ताह के प्रत्येक दिन के प्रदोष को अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। रविवार के दिन रवि प्रदोष, सोमवार के दिन सोम प्रदोष, मंगलवार के दिन भौम प्रदोष, गुरुवार के दिन गुरु प्रदोष और शनिवार के दिन शनि प्रदोष व्रत कहते हैं।
पांच प्रदोषों का है विशेष महत्त्व1. रवि प्रदोष
रविवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष को रवि प्रदोष कहते हैं। इस दिन व्रत रखने वाले साधक को दीर्घायु और निरोगी जीवन प्राप्त होता है।
2. सोम प्रदोष
सोमवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष को सोम प्रदोष कहते हैं। इस दिन व्रत से साधक के रुके कार्य पूरे होते हैं। इसे कार्य की सिद्धि के लिए किया जाता है।3. भौम प्रदोषमंगलवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं। इस दिन व्रत से साधक को आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है।4. गुरु प्रदोष
गुरुवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष को गुरु प्रदोष कहते हैं। इस दिन व्रत से दांपत्य जीवन में सुख प्राप्त होता है।5. शनि प्रदोषशनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष को शनि प्रदोष कहते हैं। इस दिन व्रत से साधक को संतान सुख की प्राप्ति होती है। संतान के उन्नति के लिए भी इस व्रत का पालन किया जाता है। डिसक्लेमर'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'