Puja Path Tips: देवी-देवताओं को फूल अर्पित करते समय जरूर रखें रंगों का ध्यान
Puja Path Tips पूजा-पाठ के दौरान विभिन्न सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें सबसे अधिक प्रख्यात फूल है। शास्त्रों में देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए पुष्प को सबसे उत्तम माना जाता है। ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
By Shantanoo MishraEdited By: Updated: Sun, 13 Nov 2022 06:14 PM (IST)
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Puja Path Tips: सनातन धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। वहीं पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। शास्त्रों में पूजा सामग्री के सन्दर्भ में विस्तार से बताया गया है। इनका इस्तेमाल करने से भक्त अपने इष्ट देवी-देवता को प्रसन्न कर सकते हैं। इसके साथ यह भी बताया गया है कि देवी-देवताओं को कौन से रंग का पुष्प अर्पित करने से कैसा फल मिलता है। मान्यता है कि इन फूलों का इस्तेमाल करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और कई प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिलता है। आइए जानते हैं देवी-देवताओं की पूजा के समय किन फूलों का करना चाहिए इस्तेमाल।
पूजा-पाठ में करें इन फूलों का इस्तेमाल
भगवान गणेश- भगवान गणेश को लाल रंग का गुडहल का फूल अति प्रिय है। इसलिए पूजा के समय उन्हें गुड़हल, चांदनी, चमेली या पारिजात के फूल अर्पित्र करें।भगवान विष्णु- भगवान विष्णु की पूजा के समय उन्हें जूही, अशोक, चंपा, केतकी, वैजयंती के फूल जरूर अर्पित करें। ऐसा करने से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
मां दुर्गा- नितदिन मां दुर्गा की वन्दना करते समय लाल गुलाब व गुड़हल का पुष्प अर्पित करें। इसके साथ आप उन्हें अपराजिता का फूल, चंपा, सफेद कमल और कुंद के फूल अर्पित कर सकते हैं।भगवान शिव- भगवान शिव की पूजा करते समय उन्हें धतूरे, नागकेसर, हरसिंगार और सफेद रंग के पुष्प अर्पित करें। इससे वैवाहिक जीवन की समस्याएं समाप्त हो जाएंगी।
सूर्य देव- कलयुग में सूर्य देव एकमात्र प्रत्यक्ष देवता हैं। इसलिए उनकी पूजा के समय कुटज के समय कुटज, कनेर, कमल, चंपा, पलाश आदि के फूल का इस्तेमाल करें।
श्री कृष्ण- भगवान श्री कृष्ण को कुमुद, करवरी, चणक, मालती, पलाश व वनमाला के फूल प्रिय हैं। उनकी पूजा में इनका प्रयोग उत्तम माना जाट है।बजरंगबली- हनुमान जी को लाल फूल अधिक प्रिय हैं। इसलिए उनकी पूजा में उन्हें लाल गुलाब या गुड़हल जरूर अर्पित करें। इससे आने वाले संकटों का नाश हो जाएगा।डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।