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Puja Path Tips: नियमित रूप से पूजा-पाठ के बाद भी नहीं मिल रहा फल, तो ये हो सकते हैं कारण

Puja Path Tips हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। हिन्दू परिवारों में नियमित रूप से पूजा और आरती की जाती है। साथ ही हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के कुछ नियम भी बताए गए हैं। जिनका ध्यान रखने पर घर में सुख-समृद्धि बनी है। वहीं इन नियमों की अनदेखी करने पर पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Tue, 26 Sep 2023 04:39 PM (IST)
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Puja Path Tips पूजा के समय नहीं करनी चाहिए ये गलतियां।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Puja Path Tips: मान्यताओं के अनुसार, नियमित रूप से पूजा-पाठ करने से घर में सुख शांति और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। कई लोग नियमित रूप से पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान और दान पुण्य करते हैं जिसका उन्हें लाभ भी मिलता है। वहीं कई लोगों को ये शिकायत रहती है कि उन्हें नियमित रूप से पूजा-पाठ का विशेष लाभ नहीं मिल रहा। इसके पीछे पूजा के दौरान होने वाली कुछ गलतियां हो सकती हैं।

हो सकता है वास्तु दोष

वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्व है। यदि आपके घर या मंदिर में वास्तु दोष होता है, तो ऐसे में पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। इसलिए घर के मंदिर में वास्तु शास्त्र का विशेष ध्यान रखें।

पवित्रता का ध्यान रखना जरूरी

पूजा एक बहुत ही पवित्र कार्य होता है, ऐसे में उसमें स्वच्छता का ध्यान रखा जाना बेहद जरूरी है। इसलिए स्नान आदि करने के बाद पूजा-पाठ के दौरान साफ सुथरे कपड़े पहनें।

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समय का ध्यान रखना जरूरी

पूजा के लिए भी एक समय निर्धारित किया गया है। पूजा को अगर सही समय पर न की जाए तो इसका पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। पूजा का सही समय सुबह ब्रह्म मुहूर्त में और शाम 6 बजे तक माना गया है।

कहां होना चाहिए पूजा स्थल

घर में पूजा घर कभी भी ऐसे स्थान पर नहीं होना चाहिए जहां आने-जाने वाले लोगों की उस पर नजर पड़े। पूजा घर के लिए एक शांत और एकांत जगह चुननी चाहिए। जहां आप आराम से बिना किसी बाधा के ध्यान आदि कर सकें।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'