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Radha Ashtami 2024: इस आरती के बिना अधूरी है राधा रानी की पूजा, पूरी होती है मनचाही मुराद

धार्मिक मत है कि राधा रानी संग भगवान कृष्ण की पूजा (Radha Ashtami 2024) करने से व्रती की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही साधक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुखों का नाश होता है। राधा रानी मोक्ष प्रदाता भी हैं। इसके लिए साधक बैकुंठ धाम की प्राप्ति के लिए श्रीराधा वल्लभ के नाम का सुमिरन करते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 09 Sep 2024 09:02 PM (IST)
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Radha Ashtami 2024: राधा अष्टमी का धार्मिक महत्व

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के अगले दिन राधा अष्टमी मनाई जाती है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की दुलारी राधा रानी को समर्पित है। इस वर्ष 11 सितंबर को राधा अष्टमी है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर राधा रानी का अवतरण हुआ है। अतः इस दिन राधा रानी की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त राधा अष्टमी का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मत है कि राधा रानी की पूजा करने से साधक को न केवल सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है, बल्कि मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। इस शुभ अवसर पर साधक स्नान-ध्यान कर विधि विधान से जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण एवं लाड़ली राधा रानी की पूजा करते हैं। अगर आप भी राधा रानी की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो राधा अष्टमी पर पूजा के समय ये आरती जरूर करें।

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हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी (Hey Gopal Krishna Karu Aarti Teri)

हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,

हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी,

तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं,

सांझ सवेरे तेरे गुण गाउँ,

प्रेम में रंगी मैं रंगी भक्ति में तेरी,

हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,

हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।

ये माटी का कण है तेरा,

मन और प्राण भी तेरे,

मैं एक गोपी, तुम हो कन्हैया,

तुम हो भगवन मेरे,

हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,

हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।

ओ कान्हा तेरा रूप अनुपम,

मन को हरता जाए,

मन ये चाहे हर पल अंखिया,

तेरा दर्शन पाये,

दर्श तेरा, प्रेम तेरा, आस है मेरी,

हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,

हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।

हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,

हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी,

तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं,

सांझ सवेरे तेरे गुण गाउँ,

प्रेम में रंगी मैं रंगी भक्ति में तेरी,

हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,

हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।