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Raksha Bandhan 2022: इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया, जानिए 11 या 12 अगस्त किस दिन मनाएं राखी का त्योहार

Raksha Bandhan 2022 हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल रक्षाबंधन का पर्व 11 अगस्त और 12 अगस्त तो सुबह तक मनाया जा रहा है। इस दिन बहनें अपने भाई को राखी बांधती हैं। जानिए रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त और भद्रा का समय।

By Shivani SinghEdited By: Updated: Mon, 08 Aug 2022 03:40 PM (IST)
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Raksha Bandhan 2022: रक्षाबंधन पर भद्रा का साया
नई दिल्ली, Raksha Bandhan 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल सावन पूर्णिमा के दिन भद्रा का साया पूरे दिन रहेगा। ऐसे में लोगों के मन में रक्षाबंधन के पर्व को लेकर थोड़ा असमंजस है कि आखिर किस समय राखी बांधना शुभ होगा। जानिए रक्षाबंधन की सही तिथि। 

रक्षाबंधन के दिन बहनें भाइयों की कलाई में राखी बांधकर लंबी उम्र की कामना करती हैं। इसके साथ ही भाई गिफ्ट देने के साथ रक्षा का वचन देते हैं। इस साल जहां एक ओर रक्षाबंधन की तिथि को लेकर लोग कन्फ्यूज है, तो वहीं दूसरी ओर भद्रा को लेकर लोगों के मन में शंकाएं है। ऐसे में जानिए रक्षाबंधन की सही तिथि और राखी बांधने का सही समय।

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रक्षाबंधन 2022 की तिथि और शुभ मुहूर्त

रक्षाबंधन की तिथि- 11 अगस्त 2022, गुरुवार

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ - 11 अगस्त की सुबह 10 बजकर 38 मिनट से शुरू

पूर्णिमा तिथि समाप्त - 12 अगस्त सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक

शुभ समय - 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट

अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक

अमृत काल - शाम 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक

रक्षाबंधन 2022 पर भद्रा काल

राहुकाल-11 अगस्त दोपहर 2 बजकर 8 मिनट से 3 बजकर 45 मिनट तक

रक्षा बंधन भद्रा अंत समय - रात 08 बजकर 51 मिनट पर

रक्षा बंधन भद्रा पूंछ - 11 अगस्त को शाम 05 बजकर 17 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक

रक्षा बंधन भद्रा मुख - शाम 06 बजकर 18 मिनट से लेकर रात 8 बजे तक

भद्रा के दौरान इस समय बांध सकते है राखी

11 अगस्त को प्रदोष काल में भद्रा पुच्छ के समय शाम 5 बजकर 18 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक के बीच रक्षा सूत्र बंधवा सकते हैं। इसके अलावा भद्रा समाप्त हो जाने पर रात 8 बजकर 54 मिनट से 9 बजकर 49 मिनट के बीच राखी बंधवा सकते हैं। लेकिन सूर्यास्त के बाद राखी नहीं बांधते हैं। इन्हीं कारणों से 11 अगस्त को राखी बांधने से अच्छा है कि 12 अगस्त को राखी बांधें।

इस मंत्र के साथ बहनें बाधें भाई को राखी

ऊँ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।

तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।

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Pic Credit- Freepik

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।