Surya Dev Puja: रविवार को पूजा के दौरान करें इन मंत्रों का जप, सभी संकट होंगे दूर
सनातन धर्म में सप्ताह के सभी दिन किसी न किसी देवी-देवता की उपासना की जाती है। ठीक इसी प्रकार रविवार के दिन सूर्य देव (Surya Dev Mantra) की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही गरीब लोगों में विशेष चीजों का दान करना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है। इस दिन विधिपूर्वक सूर्य देव की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही सूर्य देव (Surya Dev) को जल अर्पित किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से जातक को करियर और कारोबार में मनचाही सफलता प्राप्त होती है। इस दिन पूजा के दौरान सूर्य देव के मंत्रों का जप जरूर करना चाहिए। इससे जीवन में व्याप्त दुख और संकट से मुक्ति मिलती है।
सूर्य पौराणिक मंत्र
जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम ।तमोsरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोsस्मि दिवाकरम ।।
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सूर्य वैदिक मंत्र
ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च ।हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन ।।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
सूर्य गायत्री मंत्र
ऊँ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात ।।कामना पूर्ति के लिए करें भगवान सूर्य के इन मंत्रों का जाप
- ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः ।
- ॐ सूर्याय नम: ।
- ॐ घृणि सूर्याय नम: ।
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
- ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
सूर्य प्रार्थना मंत्र
ग्रहाणामादिरादित्यो लोक लक्षण कारक:।विषम स्थान संभूतां पीड़ां दहतु मे रवि।।सूर्याष्टकम
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर।दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु तेसप्ताश्वरथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम् ।श्वेतपद्मधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्लोहितं रथमारूढं सर्वलोकपितामहम् ।महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्त्रैगुण्यं च महाशूरं ब्रह्मविष्णुमहेश्वरम् । महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्बृंहितं तेजःपुञ्जं च वायुमाकाशमेव च ।प्रभुं च सर्वलोकानां तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्बन्धुकपुष्पसङ्काशं हारकुण्डलभूषितम् ।एकचक्रधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्तं सूर्यं जगत्कर्तारं महातेजः प्रदीपनम् ।महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्तं सूर्यं जगतां नाथं ज्ञानविज्ञानमोक्षदम् ।महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्सूर्य कवच
श्रणुष्व मुनिशार्दूल सूर्यस्य कवचं शुभम्।शरीरारोग्दं दिव्यं सव सौभाग्य दायकम्।।देदीप्यमान मुकुटं स्फुरन्मकर कुण्डलम।ध्यात्वा सहस्त्रं किरणं स्तोत्र मेततु दीरयेत्।।शिरों में भास्कर: पातु ललाट मेडमित दुति:।नेत्रे दिनमणि: पातु श्रवणे वासरेश्वर:।।ध्राणं धर्मं धृणि: पातु वदनं वेद वाहन:।जिव्हां में मानद: पातु कण्ठं में सुर वन्दित:।। सूर्य रक्षात्मकं स्तोत्रं लिखित्वा भूर्ज पत्रके।दधाति य: करे तस्य वशगा: सर्व सिद्धय:।।सुस्नातो यो जपेत् सम्यग्योधिते स्वस्थ: मानस:।सरोग मुक्तो दीर्घायु सुखं पुष्टिं च विदंति।।यह भी पढ़ें: Raviwar Ke Upay: रविवार के दिन जरूर आजमाएं चमत्कारी उपाय, जीवन की सभी परेशानी होंगी दूरअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।