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Ganesh Chaturthi 2023: कर्ज से मुक्ति पाने के लिए गणेश चतुर्थी के दिन जरूर करें इस स्तोत्र का पाठ

Ganesh Chaturthi 2023 धार्मिक मान्यता है कि ऋद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश की पूजा-उपासना करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही घर में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है। इसके अलावा विशेष कार्यों में भी सिद्धि प्राप्त होती है। अतः साधक श्रद्धा भाव से गणपति बप्पा की पूजा करते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 13 Sep 2023 07:41 PM (IST)
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Ganesh Chaturthi 2023: कर्ज से मुक्ति पाने के लिए गणेश चतुर्थी के दिन जरूर करें इस स्तोत्र का पाठ

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Ganesh Chaturthi 2023: हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस वर्ष 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी है। देशभर में भगवान गणेश का जनमोत्स्व धूमधाम से मनाया जाता है। महाराष्ट्र और गुजरात में गणेश चतुर्थी पर उत्सव जैसा माहौल रहता है। ज्योतिषियों की मानें तो भाद्रपद की चतुर्थी 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 19 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी।

धार्मिक मान्यता है कि ऋद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश की पूजा-उपासना करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। इसके अलावा, विशेष कार्यों में भी सिद्धि प्राप्त होती है। अतः साधक श्रद्धा भाव से गणपति बप्पा की पूजा करते हैं। अगर आप भी गणपति बप्पा का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो गणेश चतुर्थी के दिन पूजा के समय इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करें। इस स्तोत्र के पाठ से धन संबंधी परेशानी दूर हो जाती है। आइए, कर्ज मुक्ति गणेश स्तोत्र का पाठ करें-

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कर्ज मुक्ति स्तोत्र

सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम् ।

ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम् ॥

सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजित: फल-सिद्धए ।

सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

त्रिपुरस्य वधात् पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चित: ।

सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

हिरण्य-कश्यप्वादीनां वधार्थे विष्णुनार्चित: ।

सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

महिषस्य वधे देव्या गण-नाथ: प्रपुजित: ।

सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

तारकस्य वधात् पूर्वं कुमारेण प्रपूजित: ।

सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

भास्करेण गणेशो हि पूजितश्छवि-सिद्धए ।

सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

शशिना कान्ति-वृद्धयर्थं पूजितो गण-नायक: ।

सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

पालनाय च तपसां विश्वामित्रेण पूजित: ।

सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे ॥

इदं त्वृण-हर-स्तोत्रं तीव्र-दारिद्र्य-नाशनं,

एक-वारं पठेन्नित्यं वर्षमेकं सामहित: ।

दारिद्र्यं दारुणं त्यक्त्वा कुबेर-समतां व्रजेत् ॥

ॐ सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम् ।

ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम् ॥

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।