Janmashtami 2023: 'जयंती योग' में करें बाल गोपाल की पूजा और कृष्णाष्टकम् का पाठ, दूर होंगे दुख और संताप
Krishna Janmashtami 2023 आज कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवर पर दुर्लभ जयंती योग रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इन योगों में भगवान कृष्ण की उपासना करने से साधक को धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। अगर आप जीवन में व्याप्त दुख और संताप से मुक्ति पाना चाहते हैं तो जयंती योग में भगवान कृष्ण की पूजा करें।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 06 Sep 2023 12:54 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Krishna Janmashtami 2023: आज कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस शुभ अवसर पर बांके बिहारी कृष्ण कन्हैया की विशेष पूजा-उपासना की जा रही है। मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया गया है। 'राधे राधे' 'जय श्री कृष्णा' 'हरे कृष्णा' मंत्र के उद्घोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है। सनातन पंचांग के अनुसार, आज कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवर पर दुर्लभ जयंती योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इन योगों में भगवान कृष्ण की उपासना करने से साधक को धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। साथ ही साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। अगर आप भी अपने जीवन में व्याप्त दुख और संताप से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो आज जयंती योग में भगवान कृष्ण की पूजा करें। वहीं, पूजा के समय श्री कृष्णाष्टकम् स्तोत्र का पाठ करें। आइए, श्री कृष्णाष्टकम् स्तोत्र का पाठ करें-
श्री कृष्णाष्टकम्
वसुदेव सुतं देवंकंस चाणूर मर्दनम्।देवकी परमानन्दंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥१॥
अतसी पुष्प सङ्काशम्हार नूपुर शोभितम्।रत्न कङ्कण केयूरंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥२॥
कुटिलालक संयुक्तंपूर्णचन्द्र निभाननम्।विलसत् कुण्डलधरंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥३॥मन्दार गन्ध संयुक्तंचारुहासं चतुर्भुजम्।बर्हि पिञ्छाव चूडाङ्गंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥४॥उत्फुल्ल पद्मपत्राक्षंनील जीमूत सन्निभम्।यादवानां शिरोरत्नंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥५॥
रुक्मिणी केलि संयुक्तंपीताम्बर सुशोभितम्।अवाप्त तुलसी गन्धंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥६॥गोपिकानां कुचद्वन्द्वकुङ्कुमाङ्कित वक्षसम्।श्रीनिकेतं महेष्वासंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥७॥श्रीवत्साङ्कं महोरस्कंवनमाला विराजितम्।शङ्खचक्रधरं देवंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥८॥कृष्णाष्टक मिदं पुण्यंप्रातरुत्थाय यः पठेत्।कोटिजन्म कृतं पापंस्मरणेन विनश्यति॥