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    Kartik Purnima 2025: देव दीपावली पर जपें ये सिद्ध मंत्र, बरसेगी लक्ष्मी-नारायण जी की कृपा

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 07:29 PM (IST)

    कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर को है। इस दिन गुरु नानक जयंती और देव दिवाली भी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर शिव और विष्णु जी की पूजा करने से सुख, समृद्धि और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। गंगा नदी के तट पर गंगा आरती भी की जाती है। लक्ष्मी नारायण की कृपा पाने के लिए विष्णु मंत्रों का जाप करना शुभ माना गया है।  

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    Kartik Purnima 2025: देव दीपावली का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, बुधवार 05 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है। यह दिन भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और विष्णु जी की पूजा की जाती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव और विष्णु जी की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। साथ ही जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है।

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    कार्तिक पूर्णिमा को देव दीवाली भी मनाई जाती है। इस दिन गंगा नदी के तट पर गंगा आरती का आयोजन किया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को शुभता का आशीर्वाद मिलता है। अगर आप भी लक्ष्मी नारायण जी की कृपा पाना चाहते हैं, तो पूजा के समय इन दिव्य मंत्रों का जप करें ।

    विष्णु मंत्र

    1. ॐ नमोः नारायणाय॥

    2. विष्णु भगवते वासुदेवाय मन्त्र
    ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥

    3. ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि।
    तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥

    4. शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
    विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
    लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
    वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥

    5. मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुडध्वजः।
    मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

    6. दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
    धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया, लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।

    7. ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥

    8. ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद
    ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नमः॥

    9. ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि,
    तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥

    10. ॐ वासुदेवाय विघ्माहे वैधयाराजाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||
    ॐ तत्पुरुषाय विद्‍महे अमृता कलसा हस्थाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।