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Shiv ji: भगवान शिव की पूजा करते समय करें इस स्तोत्र का पाठ, पूरी होगी हर एक मुराद

सनातन धर्म में सोमवार के दिन भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। चंद्र देव को अपने शीश पर धारण करने के लिए भगवान शिव को सोमनाथ कहा जाता है। भगवान शिव की पूजा करने से चंद्र दोष दूर होता है। ज्योतिष भी कुंडली में चंद्रमा मजबूत करने के लिए सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने की सलाह देते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 16 Jun 2024 10:00 PM (IST)
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Shiv ji: ऐसे करें देवों के देव महादेव को प्रसन्न
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shiva Jaya Jaikara Dhyana Stotra In Hindi: भगवान शिव को सोमवार का दिन अति प्रिय है। इस दिन श्रद्धा भाव से देवों के देव महादेव एवं जगत की देवी मां पार्वती पूजा की जाती है। साथ ही सोमवार का व्रत रखा जाता है। ज्योतिष भी मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए सोमवार के दिन भोले शंकर की पूजा करने की सलाह देते हैं। अतः साधक सोमवार के दिन विधि-विधान से शंकर जी की पूजा करते हैं। इस समय गंगाजल, सामान्य जल, पंचामृत या कच्चे दूध से भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। भगवान शिव रुद्राभिषेक या जलाभिषेक से शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। उनकी कृपा से साधक के सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। साथ ही मृत्यु लोक में स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है। अगर आप भी भगवान शिव एवं मां पार्वती की कृपा के भागी बनना चाहते हैं और विशेष कार्य में सिद्धि पाना चाहते हैं, तो सोमवार के दिन स्नान-ध्यान के बाद विधि-विधान से शिव परिवार की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय इस स्तोत्र का पाठ और मंत्रों का जप करें।

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ध्यान

वन्दे वाञ्छित मनोरथार्थ चन्द्रार्धकृतशेखराम् ।

कमलस्थिताम् चतुर्भुजा सिद्धीदात्री यशस्विनीम् ॥

स्वर्णवर्णा निर्वाणचक्र स्थिताम् नवम् दुर्गा त्रिनेत्राम् ।

शङ्ख, चक्र, गदा, पद्मधरां सिद्धीदात्री भजेम् ॥

पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम् ।

मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि रत्नकुण्डल मण्डिताम् ॥

प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोला पीन पयोधराम् ।

कमनीयां लावण्यां श्रीणकटिं निम्ननाभि नितम्बनीम् ॥

स्तोत्र

कञ्चनाभा शङ्खचक्रगदापद्मधरा मुकुटोज्वलो ।

स्मेरमुखी शिवपत्नी सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते ॥

पटाम्बर परिधानां नानालङ्कार भूषिताम् ।

नलिस्थिताम् नलनार्क्षी सिद्धीदात्री नमोऽस्तुते ॥

परमानन्दमयी देवी परब्रह्म परमात्मा ।

परमशक्ति, परमभक्ति, सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते ॥

विश्वकर्ती, विश्वभर्ती, विश्वहर्ती, विश्वप्रीता ।

विश्व वार्चिता, विश्वातीता सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते ॥

भुक्तिमुक्तिकारिणी भक्तकष्टनिवारिणी ।

भवसागर तारिणी सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते ॥

धर्मार्थकाम प्रदायिनी महामोह विनाशिनीं ।

मोक्षदायिनी सिद्धीदायिनी सिद्धिदात्री नमोऽस्तुते ॥

शिव स्तुति मंत्र Shiva Jaya Jaikara Dhyana Stotra

स्फटिकप्रतिभटकान्त विरचितकलिमलशान्त ।

शिव शंकर शिव शंकर जय कैलासपते ॥ 

गंगाधरपिंगलजट हृतशरणागतसङ्कट ।

शिव शंकर शिव शंकर जय कैलासपते ॥ 

बालसुधाकरशेखर भाललसद्वैश्वानर ।

शिव शंकर शिव शंकर जय कैलासपते ॥ 

पद्मदलायतलोचन दृढभवबन्धनमोचन ।

शिव शंकर शिव शंकर जय कैलासपते ॥

मन्दमधुरहासवदन निर्जितदुर्लसितमदन ।

शिव शंकर शिव शंकर जय कैलासपते ॥ 

सनकादिकवन्द्यचरण दुस्तरभवसिन्धुतरण ।

शिव शंकर शिव शंकर जय कैलासपते ॥ 

लालितबालगजानन कलितमहापितृकानन ।

शिव शंकर शिव शंकर जय कैलासपते ॥ 

सच्चिद्घनसुखसार लीलापीतमहागर ।

शिव शंकर शिव शंकर जय कैलासपते ॥ 

गिरिजाश्लिष्टार्धतनो कल्पितगिरिराजधनो ।

शिव शंकर शिव शंकर जय कैलासपते ॥ 

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।