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Sakat Chauth 2024: सकट चौथ की पूजा इन चीजों के बिना है अधूरी, नोट करें पूजा सामग्री

माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सकट चौथ तिल चौथ और माघी चौथ कहा जाता है। इस साल सकट चौथ का व्रत 29 जनवरी दिन सोमवार को रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार सकट चौथ के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को सुख-समृद्धि मिलती है। सकट चौथ के दिन महिलाएं संतान की दीर्घ आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं।

By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Sun, 28 Jan 2024 04:58 PM (IST)
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Sakat Chauth 2024: सकट चौथ की पूजा इन चीजों के बिना है अधूरी, नोट करें पूजा सामग्री
धर्म डेस्क, नई दिल्ली, Sakat Chauth 2024 Puja Samagri List: हर माह में दो चतुर्थी होती हैं। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। नारद पुराण के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सकट चौथ, तिल चौथ और माघी चौथ कहा जाता है। इस साल सकट चौथ का व्रत 29 जनवरी दिन सोमवार को रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सकट चौथ के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को सुख-समृद्धि मिलती है। सकट चौथ के दिन महिलाएं संतान की दीर्घ आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं।

सकट चौथ की पूजा में विशेष चीजों को शामिल करना चाहिए। ऐसा करने से गणपति बप्पा प्रसन्न होते हैं और पूजा सफल होती है। अगर आप भी सकट चौथ की पूजा कर रहे हैं, तो आपको यह पता होना बेहद आवश्यक है कि सकट चौथ की पूजा में किन चीजों को शामिल करना चाहिए। आइए जानते हैं सकट चौथ पूजा सामग्री लिस्ट के बारे में।

सकट चौथ पूजा सामग्री लिस्ट

  • पीला कपड़
  • चौकी
  • फूल
  • गंगाजल
  • जल
  • सुपारी
  • जनेऊ
  • लौंग
  • दीपक
  • दूध
  • मोदक
  • धूप
  • देसी घी
  • 11 या 21 तिल के लड्डू
  • फल
  • कलश
  • गणेश जी की प्रतिमा
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सकट चौथ का शुभ मुहूर्त

दैनिक पंचांग के अनुसार, माघ माह की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 29 जनवरी प्रातः 06 बजकर 10 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी 30 जनवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर तिथि का समापन होगा। इस बार सकट चौथ का व्रत 29 जनवरी को है। सकट चौथ के दिन चंद्रोदय रात 09 बजकर 10 मिनट पर होगा।

सकट चौथ व्रत का महत्व

सकट चौथ के दिन भगवान गणेश जी की पूजा-व्रत करने का विधान है। मान्यता के अनुसार, जो महिलाएं सकट चौथ के दिन निर्जला व्रत रखती हैं और विधिपूर्वक गणपति बप्पा की पूजा करती हैं, उनकी संतान को कोई रोग नहीं होता है। पूजा के दौरान व्रत कथा पढ़ने का अधिक महत्व है। सकट चौथ कथा पढ़ने से व्रत पूर्ण माना जाता है। इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'