Sankashti Chaturthi 2022 Vrat Katha: संकष्टी चतुर्थी पर जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, भगवान गणेश करेंगे हर कष्ट दूर
Sankashti Chaturthi 2022 Vrat Katha आज के दिन दिनभर व्रत रखने के साथ शाम के समय चंद्र देव के दर्शन करने के बाद ही व्रत खोला जाता है। मान्यता है कि आज के दिन व्रत रखने से हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है।
By Shivani SinghEdited By: Updated: Fri, 17 Jun 2022 07:51 AM (IST)
नई दिल्ली,Sankashti Chaturthi 2022 Vrat Katha: आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी होती है। इसे कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जानते हैं। आज का दिन भगवान गणेश जी की पूजा करने का विधान है। आज के दिन दिनभर व्रत रखने के साथ शाम के समय चंद्र देव के दर्शन करने के बाद ही व्रत खोला जाता है। मान्यता है कि आज के दिन व्रत रखने से हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ गणपति जी की कृपा से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही आज के दिन गणेश जी कू पूजा करने के साथ-साथ इस व्रत कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए। आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा के बारे में।
संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा एक दिन माता पार्वती नदी किनारे भगवान शिव के साथ बैठी थीं। उनको चोपड़ खेलने की इच्छा हुई, लेकिन उनके अलावा कोई तीसरा नहीं था, जो खेल में हार जीत का फैसला करे। ऐसे में माता पार्वती और शिव जी ने एक मिट्टी की मूर्ति में जान फूंक दी और उसे निर्णायक की भूमिका दी। खेल में माता पार्वती लगातार तीन से चार बार विजयी हुईं, लेकिन एक बार बालक ने गलती से माता पार्वती को हारा हुआ और भगवान शिव को विजयी घोषित कर दिया। इस पर पार्वती जी उससे क्रोधित हो गईं।
क्रोधित पार्वती जी ने उसे बालक को लंगड़ा बना दिया। उसने माता से माफी मांगी, लेकिन उन्होंने कहा कि श्राप अब वापस नहीं लिया जा सकता, पर एक उपाय है। संकष्टी के दिन यहां पर कुछ कन्याएं पूजन के लिए आती हैं, उनसे व्रत और पूजा की विधि पूछना। तुम भी वैसे ही व्रत और पूजा करना। माता पार्वती के कहे अनुसार उसने वैसा ही किया। उसकी पूजा से प्रसन्न होकर भगवान गणेश उसके संकटों को दूर कर देते हैं।
Pic Credit- instagram/shree_ganeshji
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