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Santoshi Mata: शुक्रवार का व्रत करते समय इन नियमों का करें पालन

Santoshi Mata आज शुक्रवार है और आज के दिन संतोषी माता का व्रत भी किया जाता है। कहते हैं आज के दिन संतोषी माता की विधि-विधान के साथ पूजा करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दिन व्रत के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Fri, 02 Oct 2020 07:14 AM (IST)
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Santoshi Mata: शुक्रवार का व्रत करते समय इन नियमों का करें पालन

Santoshi Mata: आज शुक्रवार है और आज के दिन संतोषी माता का व्रत भी किया जाता है। कहते हैं आज के दिन संतोषी माता की विधि-विधान के साथ पूजा करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मान्यता के अनुसार, 16 शुक्रवार विधिवत व्रत करने से घर में सुख-शांति का वास रहता है। लेकिन इस दिन व्रत को करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। शुक्रवार का व्रत करने वाले व्यक्ति को इस दिन कोई भी खट्टी चीज नहीं खानी चाहिए। इससे मां संतोषी नाराज हो जाती हैं। यह अशुभ माना जाता है।

कहते हैं इस दिन अगर खट्टी चीज खाई जाए तो व्यक्ति पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यानी इस दिन खट्टी चीज खाने पर घर में अशांति का वास होता है। साथ ही कई तरह के नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं। ऐसे में इस दिन व्रत करते समय कोई भी नियम तोड़ना सही नहीं होता है। आइए जानते हैं शुक्रवार के व्रत से संबंधित कुछ नियम:

शुक्रवार का व्रत करते समय निम्न नियमों का करें पालन:

1. इस दिन जो भी व्यक्ति व्रत करे वो चाहें स्त्री हो या पुरुष उसे खट्टी चीज को नहीं खाना चाहिए। साथ ही खट्टी चीज को छूना भी नहीं चाहिए।

2. संतोषी माता को भोग लगाने के लिए आप गुड़ और चने का इस्तेमाल करें। इस प्रसाद को खुद भी अवश्य खाएं।

3. सिर्फ व्रती ही नहीं बल्कि घर के बाकी के लोगों को भी इस दिन खट्टी चीज नहीं खानी चाहिए।

4. इस दिन घर के किसी भी सदस्य को मदिरा पान नहीं करना चाहिए।

5. साथ ही तामसिक भोजन भी ग्रहण नहीं करना चाहिए। करना चाहिए। इस दिन ऐसा करना अशुभ माना जाता है। माना जाता है कि व्रत करने वाले पर माता संतोषी मां की कृपा आती है। व्रत रखने वाले की मनोकामना पूरी होती है तो वहीं कुंवारो को योग्य जीवनसाथी मिल सकता है।

संतोषी मां के व्रत का महत्व:

संतोषी माता का व्रत करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सच्चे मन से यह व्रत करने से व्यक्ति हर परीक्षा में सफलता हासिल करता है। साथ ही न्यायालय में विजय, व्यवसाय में लाभ और घर में सुख-समृद्धि का पुण्यफल व्यक्ति को प्राप्त होता है। वहीं, जो लड़कियां अविवाहित हैं अगर वो ये व्रत रखें तो उन्हें सुयोग्य वर शीघ्र मिल जाता है।