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Saraswati Avahan 2023: कल किया जाएगा देवी सरस्वती आवाहन, शिक्षा क्षेत्र में सफलता के लिए इस विधि से करें पूजा

Navratri Puja 2023 नवरात्र पूजा के दौरान सरस्वती आवहान मुख्यतः देवी सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यहां आवाहन का अर्थ है देवी सरस्वती का आवहान करना। 15 अक्टूबर 2023 से शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो चुका है। ऐसे में 20 अक्टूबर शुक्रवार के दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाएगी। आइए जानते हैं सरस्वती आवहान की पूजा विधि।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Thu, 19 Oct 2023 11:21 AM (IST)
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Saraswati Avahan 2023 जानिए सरस्वती आवाहन की पूजा विधि।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Saraswati Avahan 2023: सनातन धर्म में मां सरस्वती को ज्ञान और विद्या की देवी के रूप में पूजा जाता है। साथ ही वह साहित्य, कला और स्वर की देवी भी मानी जाती हैं। शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्ति के लिए मां सरस्वती की आराधना मुख्य रूप से की जाती है। वहीं, शारदीय नवरात्र के दौरान मां सरस्वती की पूजा को सरस्वती आवाहन के नाम से भी जाना जाता है।

सरस्वती आवाहन का शुभ मुहूर्त (Saraswati Avahan Shubh muhurt)

चार दिवसीय सरस्वती पूजा नक्षत्रों के आधार पर की जाती है। ऐसे में सरस्वती आवाहन का शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर, शुक्रवार के दिन, सुबह 06 बजकर 25 मिनट से 08 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। चार दिनों की पूजा को सरस्वती आह्वान, सरस्वती पूजा, सरस्वती बलिदान और सरस्वती विसर्जन के नाम से जाना जाता है।

सरस्वती पूजा की विधि (Saraswati Avahan Puja Vidhi)

सरस्वती आवाहन के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होने के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। इस दिन आप पीले या सफेद रंग के वस्त्र धारण कर सकते हैं। इसके बाद पहले पूजा स्थल की अच्छे से साफ-सफाई करें। पूजा स्थान पर मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

इसके बाद मां सरस्वती की विधि-विधान के साथ पूजा करते हुए धूप-दीप, अगरबत्ती और गुगुल जलाएं। साथ ही मां के प्रिय रंग यानी सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं। साथ ही मां सरस्वती को श्वेत कमल पुष्प अर्पित करें। इसके बाद मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करने के बाद अंत में आरती करें।

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इस मंत्र का करें जाप

ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात्‌

यह मां सरस्वती का गायत्री मंत्र है जिसका जाप करने से साधक को शिक्षा प्रतियोगिता के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। ऐसे में नवरात्र के दौरान सरस्वती आवाहन की पूजा में मां सरस्वती के इस गायत्री मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए।

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