Lord Shiva Mantra: शिवजी के इन मंत्रों का करें जाप, मनोकामना होती है पूरी
Lord Shiva Mantra देवों के देव महादेव का मास यानी श्रावण चल रहा है। इस दौरान पूरे देश में बम बम भोले की गूंज रहती है।
By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Sat, 25 Jul 2020 09:43 AM (IST)
Lord Shiva Mantra: देवों के देव महादेव का मास यानी श्रावण चल रहा है। इस दौरान पूरे देश में बम बम भोले की गूंज रहती है। वैसे तो शिवजी की आराधना करते समय हर किसी के मुंह पर ऊं नम: शिवाय ही रहता है लेकिन इसके अलावा भी कुछ ऐसे मंत्र हैं जो शिवजी के बेहद प्रिय हैं। यहां हम आपको इन्हीं मंत्रों की जानकारी दे रहे हैं। अगर आप इनका जाप पूरी श्रद्धा से और सही से करते हैं तो आपकी मनोकामना पूर्ण होती है।
शिवजी के इन मंत्रों का जाप देता है शुभ फल:1. नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:॥मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।
मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नम: शिवाय:॥शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय। श्रीनीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:॥अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्।
अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम्।।2. सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम्।भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये ।।कावेरिकानर्मदयो: पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय।सदैव मान्धातृपुरे वसन्तमोंकारमीशं शिवमेकमीडे।।3. ॐ वरुणस्योत्तम्भनमसि वरुणस्य सकम्भ सर्ज्जनीस्थो।वरुणस्य ऋतसदन्यसि वरुणस्य ऋतसदनमसि वरुणस्य ऋतसदनमासीद्।।
4. ॐ ब्रह्म ज्ज्ञानप्रथमं पुरस्ताद्विसीमतः सुरुचो वेन आवः।स बुध्न्या उपमा अस्य विष्ठाः सतश्च योनिमसतश्च विवः।।5. ॐ नमः श्वभ्यः श्वपतिभ्यश्च वो नमो नमो भवाय च रुद्राय च नमः।शर्वाय च पशुपतये च नमो नीलग्रीवाय च शितिकण्ठाय च।।6. ॐ नमः कपर्दिने च व्युप्त केशाय च नमः सहस्त्राक्षाय च शतधन्वने च।नमो गिरिशयाय च शिपिविष्टाय च नमो मेढुष्टमाय चेषुमते च।।
7. ॐ नमः पार्याय चावार्याय च नमः प्रतरणाय चोत्तरणाय च।नमस्तीर्थ्याय च कूल्याय च नमः शष्प्याय च फेन्याय च।।8. ॐ नमो ज्येष्ठाय च कनिष्ठाय च नमः पूर्वजाय चापरजाय च।नमो मध्यमाय चापगल्भाय च नमो जघन्याय च बुधन्याय च।।9. ॐ इमा रुद्राय तवसे कपर्दिने क्षयद्वीराय प्रभरामहे मतीः।यशा शमशद् द्विपदे चतुष्पदे विश्वं पुष्टं ग्रामे अस्तिमन्ननातुराम्।।
10. ॐ नमः कपर्दिने च व्युप्त केशाय च नमः सहस्त्राक्षाय च शतधन्वने च।नमो गिरिशयाय च शिपिविष्टाय च नमो मेढुष्टमाय चेषुमते च।।11. ॐ नमः आराधे चात्रिराय च नमः शीघ्रयाय च शीभ्याय च।नमः ऊर्म्याय चावस्वन्याय च नमो नादेयाय च द्वीप्याय च।।12. दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनं पापनाशनम्।अघोरपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्।।