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Sawan 2022: सावन में करें शिवजी के इस चमत्कारी मंत्र का जाप, अकाल मृत्‍यु से होगा बचाव

Sawan 2022 सावन माह में भगवान शिव की पूजा करने के साथ-साथ महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से जीवन के हर कष्ट से छुटकारा मिल जाता है। जानिए संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र साथ ही जानिए नियमों के बारे में

By Shivani SinghEdited By: Updated: Wed, 20 Jul 2022 02:06 PM (IST)
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Sawan 2022 Mahamrityunjaya Mantra: जानिए महामृत्युंजय मंत्र और जाप करने के नियम

नई दिल्ली, Sawan 2022 Mahamrityunjaya Mantra: सावन का पावन माह चल रहा है। इस पवित्र माह में भगवान शिव के साथ माता पार्वती के साथ पूजा अर्चना करना शुभ माना जाता है। इस माह में जलाभिषेक के साथ रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होते हैं। सावन में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भी लाभकारी माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, महामृत्युंजय मंत्र को चमत्कारी मंत्र कहा जाता है। इस मंत्र का जाप करने से रोग, दोष और भय से मुक्ति मिल जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से अकाल मृत्यु का डर खत्म हो जाता है। सावन में महामृत्‍युंजय मंत्र का नियमित रूप से जपा करने से जातक ही नहीं बल्कि परिवार की अकाल मृत्‍यु से रक्षा होती है। इसके साथ ही कुंडली के कई दोष खत्म हो जाते है। शास्त्रों में महामृत्युंजय मंत्र को लेकर कुछ सावधानियां भी बताई गई हैं जिनका पालन करने आवश्यक माना जाता है। जानिए महामृत्युंजय मंत्र के साथ इसके नियम।

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय ध्यान रखें ये बातें

  • महामृत्युंजय मंत्र का जाप पवित्र शरीर और मन के साथ करना चाहिए।
  • मंत्र का जाप करते समय उच्चारण बिल्कुल सही होना चाहिए। क्योंकि गलत उच्चारण करने से पूर्ण फल नहीं मिलता है।
  • महामृत्युंजय मंत्र का जाप कभी भी जमीन में बैठकर नहीं करना चाहिए। हमेशा कुश या फिर किसी तरह का साफ आसन बिछाकर ही करें।
  • महामृत्युंजय मंत्र करने के लिए एक जगह निर्धारण कर लें और रोजाना उसी जगह पर बैठकर ही करें।
  • महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
  • महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के लिए केवल रुद्राक्ष के माला से ही करना चाहिए।
  • महामृत्युंजय मंत्र का जाप कभी भी ऊंचे स्वर में नहीं करना चाहिए। हमेशा धीमे स्वर में आराम से करना चाहिए।
  • महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय मन को बिल्कुल शांत रखना चाहिए।

Pic Credit- Freepik

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