Sawan 2022: भगवान शिव को अक्षत चढ़ाने से हर कामना होती है पूर्ण, जानें चावल चढ़ाने का सही तरीका और मंत्र
Sawan 2022 हिंदू धर्म में हर देवी-देवता को कुमकुम हल्दी और अक्षत चढ़ाना शुभ माना जाता है। इसी तरह भगवान शिव को अक्षत अर्पित करने से सभी कामनाएं पूर्ण होती है और शुभ फलों की प्राप्त होते हैं। जानिए शिवलिंग में अक्षत चढ़ाने का तरीका और मंत्र
By Shivani SinghEdited By: Updated: Wed, 20 Jul 2022 08:11 AM (IST)
नई दिल्ली, Sawan 2022: हिंदू धर्म में पूजा करते समय देवी-देवता को कच्चे चावल चढ़ाना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही किसी भी मांगलिक कार्य में कच्चे चावलों को इस्तेमाल किया जाता है। बिना टूटे हुए कच्चे चावल को अक्षत कहते हैं। अक्षत अर्पित करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और समाज में मान सम्मान बढ़ता है। इसी तरह भगवान शिव की कृपा पाने के लिए कच्चा चावल चढ़ाना शुभ होता है। शास्त्रों में फूल के साथ चावल को भगवान पर अर्पित करने का विधान बताया गया है। जानिए भगवान को अक्षत चढ़ाते समय किन बातों का रखें ख्याल।
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क्या है अक्षत?
अक्षत का भाव पूर्णता से जुड़ा हुआ है यानि जिसकी क्षति न हुई हो। इसलिए जब भी देवी-देवता को अक्षत चढ़ाते हैं, तो उनके कामना करते हैं कि जीवन में कभी भी किसी भी चीज की कमी न हो और जीवन में पूर्णता लाने के लिए प्रार्थना करते हैं। इसलिए पूजा में हमेशा साबुत चावल ही चढ़ाए जाने चाहिए। इसके साथ ही अक्षत का सफेद रंग शांति को दर्शाता है जो जीवन में सुख शांति लाने का काम करता है।शिवलिंग में न चढ़ाएं टूटे कच्चे चावल
वेद शास्त्रों के अनुसार, टूटे हुए चावल भगवान को नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि अक्षत को पूर्णता के रूप में मानते हैं। इसलिए शिवलिंग में कभी भी टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाना चाहिए। इससे पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है।शिवलिंग में इस तरह चढ़ाएं चावल
चावल को पूर्णता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए बिना चावल शिवजी की पूजा पूरी नहीं होती है। इसलिए भगवान शिव को मुट्ठी भर चावल अर्पित कर सकते हैं। अगर आप मुट्ठी भर चावल नहीं अर्पित करना चाहते हैं, तो चावल के 5 या 7 दाने लेकर चढ़ा दें।