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Sawan 2023: सावन के महीने में भगवान शिव को भूलकर भी अर्पित न करें ये 5 चीजें, भोलेनाथ हो सकते हैं नाराज

Sawan 2023 Niyam हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के बाद श्रावन मास शुरू हो जाता है जिसका हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। सावन के महीने में भगवान शिव की उपासना करने से जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती है और साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। बता दें कि 04 जुलाई सावन का महीना शुरू होने जा रहा है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Tue, 27 Jun 2023 02:11 PM (IST)
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Sawan 2023 भगवान शिव को भूलकर भी ना अर्पित करें ये चीजें।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Sawan 2023: शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान शिव की उपासना के लिए सावन का महीना सबसे उपयुक्त है। सावन के प्रत्येक सोमवार के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करने से साधक रोग, दोष और कष्टों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। ज्योतिष पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 04 जुलाई को सावन का महीना शुरू हो रहा है। इसी मास में कांवड़ यात्रा का भी आयोजन किया जाता है।

बता दें कि शास्त्रों में भगवान शिव की उपासना के लिए कुछ विशेष नियमों का उल्लेख किया गया है, जिनका पालन करने से व्यक्ति को लाभ प्राप्त हो सकता है। साथ ही यह भी बताया गया है कि भगवान शिव की उपासना करते समय उन्हें, क्या नहीं अर्पित करना चाहिए। आइए जानते हैं-

सावन मास में भगवान शिव को अर्पित न करें ये चीजें

  • शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान शिव को केतकी का फूल भूलकर भी अर्पित नहीं करना चाहिए। इसके साथ उन्हें, कनेर और कमल का पुष्प भी नहीं चढ़ाना चाहिए। बताया जाता है कि भगवान शिव को केवल श्वेत रंग का पुष्प ही अर्पित करना चाहिए।

  • भगवान शिव को हल्दी चढ़ाने की भी मनाही है। ऐसा इसलिए क्योंकि हल्दी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है और इसे सौन्दर्य का प्रतीक भी कहा गया है। इसलिए शिवलिंग पर स्त्री से संबंधित वस्तु नहीं अर्पित करना चाहिए।

  • सिंदूर, कुमकुम या रोली भी शिवलिंग पर भूलकर भी नहीं अर्पित करना चाहिए। यह सुहाग और सौंदर्य के प्रतीक माने जाते हैं। इसलिए शिवलिंग पर स्त्री तत्व नहीं अर्पित किया जाता है। ऐसा करने से भगवान शिव क्रोधित हो जाते हैं।

  • भगवान शिव को तुलसी का पत्ता भी भूलकर नहीं चढ़ाना चाहिए। यह भगवान विष्णु को बहुत प्रिय लेकिन भगवान शिव की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल वर्जित है।

  • भगवान शिव को नारियल या नारियल का पानी नहीं अर्पित किया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि नारियल को लक्ष्मी माता का स्वरूप माना जाता है।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।