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Sawan 2024: सावन में महादेव की आरती के दौरान न करें ये गलतियां, पूजा होगी सफल

सावन में भगवान शिव (Lord Shiva Aarti Rules) और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि उपासना के दौरान पूजा के नियम का पालन करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। ऐसे में आइए जानते हैं सावन में महादेव की आरती के दौरान किन नियम का पालन करना बेहद आवश्यक होता है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 24 Jul 2024 11:06 AM (IST)
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Sawan 2024 Aarti Niyam: सावन में इस तरह करें महादेव की आरती (Pic Credit- Freepik)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shiv Aarti Ke Niyam: पंचांग के अनुसार, 22 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो गया है, जिसका समापन 19 अगस्त 2024 को होगा। इस पूरे महीने सच्चे मन से महादेव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि प्रभु का अभिषेक और आरती (Shiv Aarti Sawan 2024) करने से शिव जी जल्द प्रसन्न होते हैं और जातक की सभी मुरादें पूरी होती हैं। 

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इन बातों का रखें विशेष ध्यान

  • महादेव की आरती दाएं हाथ से ही करनी चाहिए।
  • अखंड ज्योति से आरती नहीं करनी चाहिए।
  • आरती सदैव खड़े होकर ही करनी चाहिए।
  • इस दौरान किसी से बातचीत न करें। साथ ही किसी के प्रति मन से गलत विचार धारण न करें।

इस तरह करें महादेव की आरती

सावन में भगवान शिव की आरती को एक स्थल पर खड़े होकर करनी चाहिए। आरती करते समय चार बार प्रभु के चरणों में, दो बार नाभि पर, एक बार मुखमण्डल पर और सात बार सभी अंगों पर घुमाएं।

पूजा थाली में इन चीजों को करें शामिल

महादेव की आरती की थाली चांदी, पीतल या तांबे की उत्तम मानी जाती है। आरती करने से पूर्व थाली में विशेष चीजों को रख लें। जैसे- चंदन, फूल, चावल, कुमकुम, दीपक, घी और रुई आदि। दीपक मिटटी या आटे का शामिल कर सकते हैं।

पूजा के दौरान इन मंत्रों का करें जप

महामृत्युंजय मंत्र

  • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

शिव स्तुति मंत्र

  • द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि। उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।

शिव आरोग्य मंत्र

  • माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा। आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।
  • ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

सावन में आरती करते समय न करें ये गलतियां