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Sawan 2024: सावन में शिव पूजन के दौरान न करें ये गलतियां, वरना पूर्ण फल से रह जाएंगे वंचित

सावन हिंदू पंचांग का पांचवा महीना है जो मुख्य रूप से भगवान शिव के लिए समर्पित माना जाता है। इस साल सावन की शुरुआत 22 जुलाई 2024 सोमवार के दिन से होने जा रही है जिसे बहुत ही शुभ माना जा रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं कि शिव जी की पूजा के दौरान किन गलतियों को करने से बचना चाहिए।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 19 Jul 2024 04:47 PM (IST)
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Sawan 2024 सावन में शिव पूजन के दौरान न करें ये गलतियां।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन माह को लेकर भक्तों में एक अलग ही उमंग देखने को मिलती है। इस माह को शिव जी की कृपा प्राप्ति के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है। सावन में आने वाले सोमवार के महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन लोग शिवालय जातक शिव जी की विशेष विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं शिव पूजन से जुड़े कुछ जरूरी नियम।

जलाभिषेक के समय न करें ये गलती

पूजा के दौरान अभिषेक के लिए हमेशा गंगाजल, साफ पानी या फिर गाय के दूध का ही इस्तेमाल करें। साथ ही शिवलिंग का जलाभिषेक करते समय इस बात का ध्यान रखें कि जलधारा पतली और धीमी गति से शिवलिंग पर गिरे। कभी भी तीव्र गति से जलाभिषेक न करें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि जलाभिषेक के समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। इस दौरान बैठकर या झुककर ही शिवलिंग का जलाभिषेक करें न कि सीधे खड़े होकर।

इस तरह चढ़ाएं बेलपत्र

भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता है। बेलपत्र चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखें कि बेलपत्र 3 पत्तों वाला और साबुत होना चाहिए। बेलपत्र को हमेशा चिकने सतह की ओर से शिवलिंग पर चढ़ाएं। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि शिवलिंग पर भूल से भी तुलसी, सिंदूर, हल्दी, नारियल, शंख और केतकी के फूल आदि नहीं चढ़ाने चाहिए।

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परिक्रमा के दौरान ध्यान रखें ये बात

शिवलिंग की पूजा के दौरान कभी भी शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए। हमेशा शिवलिंग के बाईं ओर से परिक्रमा शुरू करनी चाहिए और अर्धचंद्राकार में चक्कर लगाने के बाद वापस अपने स्थान पर आ जाएं। शिवलिंग के जलहरी (अभिषेक के दौरान जहां से जल नीचे की तरफ गिरती है) को कभी भी लांघना नहीं चाहिए।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।