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Sawan 2024: शिवलिंग के इस हिस्से में होता है शिव जी की बेटी अशोक सुंदरी का वास, इस तरह करें पूजा

शिव जी के पुत्र कार्तिकेय और गणेश जी के बारे में तो अधिकतर लोग जानते ही होंगे। लेकिन शिव जी की एक पुत्री भी है जिसका वर्णन पद्म पुराण में मिलता है। शिव जी की पुत्री का नाम अशोक सुंदरी है जिसका शिवलिंग पर वास माना जाता है। शिवलिंग पूजा के दौरान अशोक सुंदरी की पूजा भी आवश्यक रूप से की जाती है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 25 Jul 2024 04:50 PM (IST)
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Ashok Sundari Puja शिवलिंग के इस हिस्से में होता है शिव जी की बेटी अशोक सुंदरी का वास।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। साल 2024 में सावन का महीना 22 जुलाई से 19 अगस्त तक रहने वाला है। इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ने वाले हैं। ऐसा माना जाता है कि सावन सोमवार पर सच्चे मन के साथ शिवलिंग पर जल अर्पित करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं। शिवलिंग पर केवल शिव जी का ही नहीं बल्कि, अलग-अलग हिस्सों पर बेटी अशोक सुंदरी, माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय का भी निवास होता है।

कहां है अशोक सुंदरी का वास

शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय जिस नलिका से जल बाहर निकलता है, उसी स्थान पर अशोक सुंदरी का वास माना जाता है। शिव जी की पूजा के साथ-साथ अशोक सुंदरी की पूजा का भी विशेष महत्व माना गया है। अशोक सुंदरी की पूजा के लिए भी सोमवार का दिन ही सबसे बेहतर माना गया है।

इस तरह करें पूजा

सबसे पहले शुद्ध जल में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर शिवलिंग को स्नान कराएं और इसके बाद अशोक सुंदरी पर जल अर्पित करें। अब शिवलिंग पर चंदन का तिलक लगाने के बाद अशोक सुंदरी के स्थान पर चंदन का तिलक लगांए। अब शिवलिंग पर बेलपत्र, फूल माला आदि अर्पित करें और घी का दीपक जलाएं। इसके बाद अशोक सुंदरी का ध्यान करते हुए उन्हें अपनी मनोकामना कहें। ऐसा करने से व्यक्ति की इच्छा जल्द पूरी होती है।

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अर्पित करें ये चीजें

शिवलिंग के साथ-साथ अशोक सुंदरी पर भी फूल अर्पित करें। आप शिवलिंग के साथ-साथ अशोक सुंदरी पर भी बेलपत्र चढ़ा सकते हैं। ऐसा करने से व्यक्ति के लिए धन लाभ के योग बनने लगते हैं और व्यापार में भी फायदा देखने को मिलता है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।