Sawan Som Pradosh Vrat 2023: सावन प्रदोष व्रत पर इस शुभ मुहूर्त में करें भगवान शिव की उपासना
Sawan Pradosh Vrat 2023 श्रावण मास में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। बता दें कि 28 अगस्त को श्रावण मास का अंतिम प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन चार अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है जिसमें पूजा-पाठ का विशेष महत्व है।
श्रावण प्रदोष व्रत 2023 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 अगस्त संध्या 07 बजकर 52 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 29 अगस्त शाम 04 बजकर 17 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में सावन प्रदोष व्रत 28 अगस्त 2023, सोमवार के दिन रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर प्रदोष पूजा मुहूर्त शाम 04 बजकर 52 मिनट से रात्रि 08 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।श्रावण प्रदोष व्रत 2023 शुभ योग
श्रावण सोम प्रदोष व्रत 2023 पूजा विधि
शास्त्रों बताया गया है कि श्रावण प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में सूर्यआस्त से कुछ समय पहले भगवान शिव की उपासना प्रारंभ कर देनी चाहिए। इस विशेष दिन पर सुबह विधि-विधान से भगवान शिव का अभिषेक करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद संध्या काल में स्नान-ध्यान के बाद साफ वस्त्र धारण कर लें। फिर भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें और उन्हें गंध, पुष्प, धूप, दीप, बेलपत्र, अक्षत और गंगाजल इत्यादि अर्पित करें।श्रावण सोम प्रदोष व्रत भगवान शिव मंत्र
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय ।।
शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय तस्मै शिकाराय नम: शिवाय ।।
द्वादश ज्योतिर्लिंग उपासना
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उज्जयिन्यां महाकालम्ॐकारममलेश्वरम् ।।
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमाशंकरम् ।
सेतुबंधे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ।।
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यंबकं गौतमीतटे ।
हिमालये तु केदारम् घुश्मेशं च शिवालये ।।
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः ।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति ।।