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Sawan Somvar 2023: इस शुभ योग में करें भगवान शिव की उपासना, पूर्ण होंगी सभी मनोकामनाएं

Sawan Somvar 2023 श्रावण मास में सोमवार व्रत का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के सोमवार के दिन भगवान शिव की उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। विक्रम संवत 2080 में सावन मास के प्रथम सोमवार के दिन दो अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस शुभ योग में पूजा-पाठ करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Sat, 08 Jul 2023 11:32 AM (IST)
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Sawan Somvar 2023: सावन सोमवार पर इस विधि से करें भगवान शिव की उपासना।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Sawan Somvar 2023: हिंदू धर्म में सावन सोमवार का विशेष महत्व है। इस दिन साधक सोमवार व्रत का पालन कर भगवान शिव की उपासना करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। साथ ही उन्हें जीवन में सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है। बता दें कि इस वर्ष सावन का प्रथम सोमवार 10 जुलाई 2023 के दिन पड़ रहा है। इसके साथ इस विशेष दिन पर दो अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है। आइए आचार्य श्याम चंद्र मिश्र जी से जानते हैं, किस समय करें भगवान शिव की उपासना?

प्रथम सावन सोमवार 2023 पूजा मुहूर्त

आचार्य श्याम चंद्र मिश्र बताते हैं कि सावन के प्रथम सोमवार के दिन रेवती नक्षत्र और सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन रेवती नक्षत्र शाम 6:59 तक रहेगा और सुकर्मा योग दोपहर 12:34 से शुरू होगा। आचार्य मिश्र आगे बताते हैं कि भगवान शिव की उपासना के लिए सावन में हर समय शुभ है, लेकिन पूजा का उचित फल प्राप्त करने के लिए भगवान शिव की उपासना सुबह या प्रदोष काल में करने से विशेष लाभ मिलता है।

सावन सोमवार 2023 के दिन लग रहा है पंचक

वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन के प्रथम सोमवार के दिन पंचक लग रहा है। इस दिन पंचक सुबह 05 बजकर 30 मिनट से शाम 06 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। लेकिन इसका प्रभाव भगवान शिव की उपासना पर नहीं पड़ेगा। इसलिए इस दिन भगवान शिव की उपासना के लिए कोई भी अशुभ समय मान्य नहीं होगा।

प्रथम सावन सोमवार 2023 पूजा विधि

सावन के प्रथम सोमवार के दिन सुबह या प्रदोष काल में भगवान शिव की उपासना करें। इस दौरान उन्हें अक्षत, गंध-पुष्प, चंदन, दूध, पंचामृत, बेलपत्र इत्यादि अर्पित करें। पंचामृत से अभिषेक करते समय 'ॐ नमः शिवाय' का जाप जरूर करें। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती है। साथ ही इस विशेष दिन पर भगवान शिव के स्तोत्र का पाठ करें और अंत में आरती के साथ पूजा संपन्न करें।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।