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Sawan Somvar Vrat 2020: आज है सावन का चौथा सोमवार व्रत, जानें मुहूर्त, पूजा विधि एवं मंत्र

Sawan Somvar Vrat 2020 हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आज सावन मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी ति​थि है और सोमवार दिन है। आज सावन का चौथा सोमवार व्रत है।

By Kartikey TiwariEdited By: Updated: Mon, 27 Jul 2020 08:34 AM (IST)
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Sawan Somvar Vrat 2020: आज है सावन का चौथा सोमवार व्रत, जानें मुहूर्त, पूजा विधि एवं मंत्र
Sawan Somvar Vrat 2020: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, आज सावन मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी ति​थि है और सोमवार दिन है। आज सावन का चौथा सोमवार व्रत है। अच्छा वर और सुखद जीवन की कामना से सावन सोमवार का व्रत करने वालों के लिए आज का दिन विशेष है। आज के दिन आपको भगवान शिव का जलाभिषेक के बाद विधि पूर्वक पूजन करना चाहिए। फिर माता पार्वती की पूजा करें। जल अर्पित कर देने मात्र से प्रसन्न होने वाले भोलेनाथ आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करेंगे। आइए जानते हैं कि सावन सोमवार व्रत और पूजा के लिए शुभ समय, मंत्र आदि क्या हैं?

सावन सोमवार पूजा का विशेष समय

दिन: सोमवार, श्रावण मास, शुक्ल पक्ष, सप्तमी तिथि।

अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से दिन में 12 बजकर 55 मिनट तक।

अमृत काल: 28 जुलाई के तड़के 01 बजकर 24 मिनट से 02 बजकर 54 मिनट तक।

विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से दोपहर 03 बजकर 38 मिनट तक।

राहुकाल एवं भद्रा

आज की भद्रा: प्रात: 07:10 बजे से शाम 06:04 बजे तक।

आज का राहुकाल: प्रात: 07:30 बजे से 09:00 बजे तक।

सावन सोमवार व्रत एवं पूजा विधि

आज प्रात:काल में दैनिक क्रियाओं से होकर स्नान करें तथा साफ कपड़े पहन लें। अब हाथ में जल लेकर सावन के चौथै सोमवार व्रत एवं पूजा का संकल्प करें। फिर गंगाजल मिले साफ जल से भगवान शिव का जलाभिषेक करें। अब भोलेनाथ को अक्षत्, सफेद फूल, पंचामृत, गाय का दूध, भांग, बेल पत्र, सफेद चंदन, धतूरा आदि प्रेम पूर्वक अर्पित करें। 12 बेल पत्र पर राम नाम लिखकर शिव पंचाक्षर मंत्र का उच्चारण करते हुए भोलेनाथ को अर्पित करना भक्तों के लिए मंगलकारी माना गया है।

अब क्रमश: माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय को फल, फूल, अक्षत्, चंदन, मिष्ठान आदि अर्पित करें। इसके बाद शिव परिवार के लिए दीपक जलाएं। अब शिव चालीसा का पाठ करें तथा शिव जी की आरती करें।

सोमवार के व्रत में दिनभर नियमों का सही से पालन करें। शाम के समय भोलेनाथ की आरती करें। फिर पारण कर व्रत को पूरा करें। पूजा में अर्पित की गई सामग्री किसी ब्राह्मण को दान कर दें।

पूजा के समय शिव पंचाक्षर मंत्र ओम नम: शिवाय का जप करना कल्याणकारी होता है।