Move to Jagran APP

Sawan Somwar 2023: आज है सावन महीने का पहला सोमवार, जानें-पूजा विधि, महत्व एवं मंत्र

Sawan Somwar 2023 धार्मिक मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण होती हैं। साथ ही घर में सुख और समृद्धि आती है। ज्योतिषियों की मानें तो सावन के महीने में विधि पूर्वक शिवजी की पूजा करने से अविवाहित युवक और युवतियों की शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 10 Jul 2023 10:38 AM (IST)
Hero Image
Sawan Somwar 2023: आज है सावन महीने का पहला सोमवार, जानें-पूजा विधि, महत्व एवं मंत्र
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Sawan Somwar 2023: सनातन धर्म में सावन का महीना देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस पावन महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही हर सोमवार को महादेव के निमित्त व्रत-उपवास रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण होती हैं। साथ ही घर में सुख और समृद्धि आती है। ज्योतिषियों की मानें तो सावन के महीने में विधि पूर्वक शिवजी की पूजा करने से अविवाहित युवक और युवतियों की शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। अतः सावन के महीने में उत्स्व जैसा माहौल रहता है। आइए, सावन सोमवार की तिथि और भगवान शिव की पूजा विधि जानते हैं-

सावन सोमवार का महत्व

सनातन धर्म शास्त्रों में निहित है कि चिरकाल में जगत जननी आदिशक्ति मां पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या की। साथ ही सावन के महीने में सोमवार का व्रत-उपवास कर विधिवत शिव जी की पूजा की। उनकी कठिन भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें मनोवांछित वरदान दिया। कालांतर में सावन सोमवार व्रत के पुण्य-प्रताप से मां पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ। अत: सावन सोमवार का विशेष महत्व है।

पूजा विधि

सावन सोमवार के दिन गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। अब आचमन कर सफेद रंग के कपड़े धारण करें। इसके पश्चात जल में गंगाजल, बिल्व पत्र और काले तिल मिलाकर शिवजी को जल का अर्घ्य दें। इस समय 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें। अब भगवान शिव की पूजा भांग, धतूरा, बेलपत्र, गन्ने का रस, पान पत्ता, लौंग, इलायची, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर आदि चीजों से करें। भगवान शिव को आक, धतूरा, हरसिंगार के फूल अति प्रिय है। अतः भगवान शिव को आक, धतूरा और हरसिंगार के फूल अवश्य अर्पित करें। इसके बाद शिव चालीसा, शिव तांडव स्त्रोत आदि का पाठ करें। अंत में आरती अर्चना कर इच्छा के अनुसार (सुख, समृद्धि, शीघ्र विवाह, दांपत्य जीवन में मिठास) कामना करें।

डिस्क्लेमर- ''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''