Shani Dev Puja: शनि मंदिर में जाकर न करें ये गलतियां, शुरू हो जाते हैं उल्टे दिन
शनिदेव को कर्मफल दाता भी कहा जाता है। क्योंकि वह व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर शुभ या अशुभ फल प्रदान करते हैं। शनि देव की पूजा के लिए कई खास नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन न करने पर शनि देव अप्रसन्न हो सकते हैं।
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Sat, 10 Jun 2023 09:00 AM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Shani Dev Puja: हिंदू धर्म में शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। उन्हें न्याय का देवता भी कहा जाता है। वे मनुष्य के कर्मों के आधार पर उसके भविष्य का फैसला करते हैं। अगर शनि देव के मंदिर में जाकर आप ये गलतियां करते हैं तो इससे आपको शनिदेव की पूजा का फल प्राप्त नहीं होगा।
न करें ये गलती
अगर आप शनि देव के मंदिर के बाहर से शनिवार के दिन ही सरसों का तेल खरीदकर उसी मंदिर में चढ़ा देते हैं तो इससे पूजा का फल प्राप्त नहीं होता। इसके स्थान पर आपको शुक्रवार के दिन तेल खरीदकर शनिवार के दिन मंदिर में अर्पित करना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि शनिदेव पर तेल चढ़ाते समय उसकी बूंदें इधर-उधर नहीं गिरनी चाहिए।
इस तरह न करें दर्शन
मंदिर में कभी भी शनि देव के सामने से दर्शन नहीं करने चाहिए, और न ही हाथ जोड़कर प्रणाम करना चाहिए। शास्त्रों में शनिदेव की दृष्टि क्रूर मानी गई है। जिस पर यह दृष्टि पड़ जाती है उसके उल्टे दिन शुरू हो जाते हैं। इसलिए सिर झुकाकर और हाथ बांधकर नीचे देखते हुए उनकी वंदना करनी चाहिए।इन बातों का भी रखें ध्यान
शनि देव की प्रतिमा को कभी भी घर में स्थापित नहीं करना चाहिए। इसके बजाय पास के किसी मंदिर में जाकर शनि देव की आराधना करें और इस बात का ध्यान रखें कि उनके सामने दीपक न जलाएं। पूजा के बाद किसी पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना शुभ माना जाता है। अगर आप घर में बैठकर शनि देव की पूजा करना चाहते हैं तो अपना मुख पश्चिमी दिशा की ओर रखें।
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