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Shani Jayanti 2024: शनि जयंती पर इन मंत्रों का करें जप, सभी परेशानियों का होगा अंत

पंचांग के अनुसार शनि जयंती 06 जून को पड़ रही है। इस दिन शनि देव की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। साथ ही उनको प्रसन्न करने के लिए प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर शनिदेव का अवतरण हुआ है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन शनि देव की पूजा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 03 Jun 2024 06:11 PM (IST)
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Shani Jayanti 2024: शनि जयंती पर इन मंत्रों का करें जप, सभी परेशानियों का होगा अंत

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shani Jayanti 2024 Mantra: ज्येष्ठ माह की अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है। इस बार शनि जयंती 06 जून को पड़ रही है। इस दिन शनि देव की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। साथ ही उनको प्रसन्न करने के लिए प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। अगर आप भी शनि देव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो शनि जयंती पर पूजा के दौरान इन मंत्रों का जप करें। धार्मिक मान्यता है कि शनि मंत्रों का जप करने से जातक को जीवन में आने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है और शनि दोष दूर होता है।

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भगवान शनिदेव के मंत्र

सफल जीवन के लिए मंत्र

अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।

दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।

गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च।

आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।।

शनिदेव का वैदिक मंत्र

ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम ।

उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।

ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।

ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌।

शनि गायत्री मंत्र

ओम भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्

शनि आह्वान मंत्र

नीलाम्बरः शूलधरः किरीटी गृध्रस्थित स्त्रस्करो धनुष्टमान् |

चतुर्भुजः सूर्य सुतः प्रशान्तः सदास्तु मह्यां वरदोल्पगामी ||

शनि आरोग्य मंत्र

ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।

कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।

शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।

दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।

शनि देव का महामंत्र

ओम निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।

छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

शनि का पौराणिक मंत्र

ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः।

ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः।

ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः।

ऊँ मन्दाय नमः।।

ऊँ सूर्य पुत्राय नमः।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।