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Shani Pradosh Vrat 2023: कब है फाल्गुन मास का अंतिम शनि प्रदोष व्रत? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Shani Pradosh Vrat in March 2023 हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इस विशेष दिन पर भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है। फाल्गुन मास में अंतिम प्रदोष व्रत शनि प्रदोष व्रत है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Sat, 25 Feb 2023 02:21 PM (IST)
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Shani Pradosh Vrat 2023: इस दिन रखा जाएगा फाल्गुन मास का अंतिम प्रदोष व्रत।

नई दिल्ली, अध्यात्मिक डेस्क | Shani Pradosh Vrat 2023: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि के दिन यह व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। बता दें कि फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन शनि प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन सूर्यास्त के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है, इसलिए इसे प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं कब है फाल्गुन मास का अंतिम प्रदोष व्रत और क्यों माना गया है इस व्रत को महत्वपूर्ण?

शनि प्रदोष व्रत 2023 तिथि (Shani Pradosh Vrat 2023 Date)

हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 4 मार्च 2023 को सुबह 10 बजकर 13 मिनट पर होगा और इसका समापन 5 मार्च 2023 को दोपहर 12 बजकर 37 मिनट पर हो जाएगा। प्रदोष काल में पूजा के कारण यह व्रत 4 मार्च 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा। बता दें कि इस दिन पूजा मुहूर्त संध्या 06 बजकर 35 मिनट से रात्रि 08 बजकर 54 मिनट तक ही रहेगा। खास बात यह है कि इस दिन अत्यंत शुभ योग अर्थात रवि योग का निर्माण हो रहा है, जिसकी शुरुआत शाम 05 बजकर 11 मिनट से होगी और 05 मार्च को सुबह 05 बजकर 07 मिनट पर होगा। शास्त्रों में बताया गया है कि इस शुभ योग में पूजा-पाठ करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है।

शनि प्रदोष व्रत महत्व (Shani Pradosh Vrat 2023 Importance)

धर्म-ग्रंथ एवं वेद-पुराणों में बताया गया है कि भगवान शिव अपने भक्तों से जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। उन्हें प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत का दिन अत्यंत लाभकारी माना जाता है। मान्यता है कि शनि प्रदोष व्रत के दिन पूजा-पाठ करने से और व्रत का पालन करने से साधक के सभी पाप दूर हो जाते हैं। साथ ही कई प्रकार के ग्रह दोष भी समाप्त हो जाते हैं। इस दिन विधिवत भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा करने से धन-धान्य एवं सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।