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Shani Pradosh Vrat Shubh Muhurat: आज है शनि प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और क्यों है महत्वपूर्ण

Shani Pradosh Vrat Shubh Muhurat आज शनि प्रदोष व्रत है। आज के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। जो प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ता है उसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। एक वर्ष में करीब 4 से 5 शनि प्रदोष व्रत आते हैं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Sat, 12 Dec 2020 08:21 AM (IST)
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Shani Pradosh Vrat Shubh Muhurat: आज है शनि प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और क्यों है महत्वपूर्ण

Shani Pradosh Vrat Shubh Muhurat: आज शनि प्रदोष व्रत है। आज के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। जो प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ता है उसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। एक वर्ष में करीब 4 से 5 शनि प्रदोष व्रत आते हैं। बता दें कि चंद्र मास की दोनों त्रयोदशी तिथियों को प्रदोष व्रत किया जाता है। इनमें से एक शुक्ल पक्ष में आता है तो दूसरा कृष्ण पक्ष में। शास्त्रों के अनुसार, प्रदोष व्रत का विशेष महत्व कहा गया है। साथ ही इस व्रत को बेहद फलदायी माना गया है। इसे कृष्ण प्रदोष व्रत भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शनिवार के प्रदोष व्रत की महिमा अपंरपार है। जागरण अध्यात्म के इस लेख में हम आपको शनि प्रदोश व्रत क्यों महत्वपूर्ण है यह बता रहे हैं। लेकिन उससे पहले जानते हैं शनि प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त:

शनि प्रदोष का शुभ मुहूर्त:

तिथि: मार्गशीर्ष, कृष्ण त्रयोदशी

त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ: 12 दिसंबर, शनिवार सुबह 7 बजकर 2 मिनट से

त्रयोदशी तिथि समाप्त: 13 दिसंबर, रविवार 3 बजकर 52 मिनट पर

क्यों महत्वपूर्ण होता है शनि प्रदोष:

शनिवार को जो प्रदोष व्रत पड़ता है उसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। यह व्रत काफी अहम होता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। यह दिन भोलेनाथ को समर्पित होता है। मान्यता है कि भगवान शिव को शनिदेव अपना गुरु मानते हैं। ऐसे में अगर शनि प्रदोष के दिन शिवजी और शनिदेव की पूजा की जाए तो व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। कहा जाता है कि प्रदोष के समय शिवजी प्रसन्नचित मनोदशा में होते हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'