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Shaniwar Upay: शनिवार के दिन इस तरह करें शनिदेव को प्रसन्न, नहीं करना पड़ेगा मुसीबतों का सामना

हिंदू धर्म में शनि देव बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। माना जाता है कि जिस साधक पर शनिदेव की कृपा बरसती है उसे जीवन में कई तरह की समस्याओं से निजात मिल जाती है। शनिवार के दिन यदि आप शनि देव की पूजा के दौरान उनके 108 नामों का जप करते हैं तो इससे शनिदेव का आशीर्वाद आपके ऊपर बना रहता है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Sat, 26 Oct 2024 07:00 AM (IST)
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Shaniwar Upay: शनिवार के दिन इस तरह करें शनिदेव को प्रसन्न।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में जिस प्रकार प्रत्येक दिन किसी-न-किसी देवी-देवता को समर्पित माना गया है, उसी प्रकार शनिवार का दिन शनि देव की आराधना के लिए समर्पित माना गया है। ऐसे में आप इस दिन पर शनिदेव की विशेष पूजा-अर्चना द्वारा उनकी कृपा के पात्र बन सकते हैं, जिससे जीवन की कई परेशानियां हल होने लगती हैं।

शनि देव के 108 नाम (Shani Dev 108 Names)

1. ॐ शनैश्चराय नमः ।

2. ॐ शान्ताय नमः ।

3. ॐ सर्वाभीष्टप्रदायिने नमः ।

4. ॐ शरण्याय नमः ।

5. ॐ वरेण्याय नमः।

6. ॐ सर्वेशाय नमः।

7. ॐ सौम्याय नमः।

8. ॐ सुरवन्द्याय नमः।

9. ॐ सुरलोकविहारिणे नमः ।

10. ॐ सुखासनोपविष्टाय नमः।

11. ॐ सुन्दराय नमः ।

12. ॐ घनाय नमः।

13. ॐ घनरूपाय नमः।

14. ॐ घनाभरणधारिणे नमः।

15. ॐ घनसारविलेपाय नमः।

16. ॐ खद्योताय नमः।

17. ॐ मन्दाय नमः।

18. ॐ मन्दचेष्टाय नमः।

19. ॐ महनीयगुणात्मने नमः।

20. ॐ मर्त्यपावनपदाय नमः।

अन्य देवी-देवताओं की भांति शनिदेव की आराधना के लिए शनिवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। ऐसे में इस दिन पर आप शनिदेव के 108 नामों का जप कर उनकी विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

21. ॐ महेशाय नमः।

22. ॐ छायापुत्राय नमः।

23. ॐ शर्वाय नमः।

24. ॐ शततूणीरधारिणे नमः।

25. ॐ चरस्थिरस्वभा वाय नमः।

26. ॐ अचंचलाय नमः।

27. ॐ नीलवर्णाय नमः।

28. ॐ नित्याय नमः।

29. ॐ नीलांजननिभाय नमः।

30. ॐ नीलाम्बरविभूशणाय नमः।

31. ॐ निश्चलाय नमः।

32. ॐ वेद्याय नमः।

33. ॐ विधिरूपाय नमः।

34. ॐ विरोधाधारभूमये नमः।

35. ॐ भेदास्पदस्वभावाय नमः।

36. ॐ वज्रदेहाय नमः।

37. ॐ वैराग्यदाय नमः।

38. ॐ वीराय नमः।

39. ॐ वीतरोगभयाय नमः।

40. ॐ विपत्परम्परेशाय नमः।

41. ॐ विश्ववन्द्याय नमः।

42. ॐ गृध्नवाहाय नमः।

43. ॐ गूढाय नमः।

44. ॐ कूर्मांगाय नमः।

45. ॐ कुरूपिणे नमः।

46. ॐ कुत्सिताय नमः।

47. ॐ गुणाढ्याय नमः।

48. ॐ गोचराय नमः।

49. ॐ अविद्यामूलनाशाय नमः।

50. ॐ विद्याविद्यास्वरूपिणे नमः।

शनिदेव को न्याय का देवता और कर्मफल दाता भी कहा जाता है, क्योंकि वह व्यक्ति को उसके कर्म के आधार पर शुभ या अशुभ फल प्रदान करते हैं। ऐसे में व्यक्ति को अपने कर्म सही रखने चाहिए और किसी असहाय व्यक्ति या जानवर को

51. ॐ आयुष्यकारणाय नमः।

52. ॐ आपदुद्धर्त्रे नमः।

53. ॐ विष्णुभक्ताय नमः।

54. ॐ वशिने नमः।

55. ॐ विविधागमवेदिने नमः।

56. ॐ विधिस्तुत्याय नमः।

57. ॐ वन्द्याय नमः।

58. ॐ विरूपाक्षाय नमः।

59. ॐ वरिष्ठाय नमः।

60. ॐ गरिष्ठाय नमः।

61. ॐ वज्रांकुशधराय नमः।

62. ॐ वरदाभयहस्ताय नमः।

63. ॐ वामनाय नमः।

64. ॐ ज्येष्ठापत्नीसमेताय नमः।

65. ॐ श्रेष्ठाय नमः।

66. ॐ मितभाषिणे नमः।

67. ॐ कष्टौघनाशकर्त्रे नमः।

68. ॐ पुष्टिदाय नमः।

69. ॐ स्तुत्याय नमः।

70. ॐ स्तोत्रगम्याय नमः।

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, शनि देव को सूर्य देव का पुत्र माना गया है। ऐसा माना जाता है कि जिस भी व्यक्ति पर शनिदेव की कृपा बरसती है, उसे जीवन की कई कठिनाईयों से मुक्ति मिल जाती है।

71. ॐ भक्तिवश्याय नमः।

72. ॐ भानवे नमः।

73. ॐ भानुपुत्राय नमः।

74. ॐ भव्याय नमः।

75. ॐ पावनाय नमः।

76. ॐ धनुर्मण्डलसंस्थाय नमः।

77. ॐ धनदाय नमः।

78. ॐ धनुष्मते नमः।

79. ॐ तनुप्रकाशदेहाय नमः।

80. ॐ तामसाय नमः।

81. ॐ अशेषजनवन्द्याय नमः।

82. ॐ विशेशफलदायिने नमः।

83. ॐ वशीकृतजनेशाय नमः।

84. ॐ पशूनां पतये नमः।

85. ॐ खेचराय नमः।

86. ॐ खगेशाय नमः।

87. ॐ घननीलाम्बराय नमः।

88. ॐ काठिन्यमानसाय नमः।

89. ॐ आर्यगणस्तुत्याय नमः।

90. ॐ नीलच्छत्राय नमः।

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शनि दोष से मुक्ति पाने शनिवार के दिन को सबसे उत्तम माना जाता है। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना द्वारा आप शनिदेव की कृपा के पात्र बन सकते हैं।

91. ॐ नित्याय नमः।

92. ॐ निर्गुणाय नमः।

93. ॐ गुणात्मने नमः।

94. ॐ निरामयाय नमः।

95. ॐ निन्द्याय नमः।

96. ॐ वन्दनीयाय नमः।

97. ॐ धीराय नमः।

98. ॐ दिव्यदेहाय नमः।

99. ॐ दीनार्तिहरणाय नमः।

100. ॐ दैन्यनाशकराय नमः।

101. ॐ आर्यजनगण्याय नमः।

102. ॐ क्रूराय नमः।

103. ॐ क्रूरचेष्टाय नमः।

104. ॐ कामक्रोधकराय नमः।

105. ॐ कलत्रपुत्रशत्रुत्वकारणाय नमः।

106. ॐ परिपोषितभक्ताय नमः।

107. ॐ परभीतिहराय नमः।

108. ॐ भक्तसंघमनोऽभीष्टफलदाय नमः।

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