Shankh Puja: पूजा घर में शंख रखने के नियमों का रखें ध्यान, बनी रहेगी मां लक्ष्मी की कृपा
शंख को पूजा स्थान पर रखने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। वेद पुराणों में बताया गया है कि शंख समुद्र मंथन के दौरान उत्पन्न हुआ था। पूजा की शुरुआत के समय और आरती के बाद शंख बजाना बहुत ही शुभ माना जाता है।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Shankh Puja: शंख को माता लक्ष्मी का रूप माना गया है। इसलिए शंख को पूजा स्थान में उसी आदर के साथ पूजा जाना चाहिए। जिस आदर के साथ भगवान का पूजन किया जाता है। पूजन के समय रोजाना घर में शंख बजाना चाहिए। घर में शंख ध्वनि का गुंजन सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
कैसे करें शंख की पूजा
शंख की पूजा करने का एक विशेष विधान है जिसका ध्यान रखा जाना जरूरी है। सबसे पहले स्नान कर साफ सुथरे कपड़े पहनें। उसके बाद एक पात्र में शंख को दूध, गंगाजल आदि से स्नान करवाएं। साफ कपड़े से पोंछ कर दूध तथा केसर मिश्रित घोल से शंख पर श्री एकाक्षरी मंत्र लिखे और उसे ताम्बे अथवा चांदी के पात्र में स्थापित कर दें। अब इस पर रोली अक्षत और सफेद पुष्प चढ़ाएं फिर धूप और घी का दीपक जलाएं। इसके बाद सच्चे मन से शंख का ध्यान करें।
शंख पूजन के बाद करें ये काम
पूजा के समय शंख में भरकर रखा गया जल का आरती के बाद छिड़काव करने से शारीरिक व मानसिक विकारों से मुक्ति मिलती है। साथ ही, जीवन में सौभाग्य का उदय होने लगता है।
इन बातों का रखें ध्यान
शंख के अंदर जल भरकर नहीं रखना चाहिए। शंख को धरती पर भी नहीं रखना चाहिए। इसे हमेशा एक साफ कपड़ा बिछाकर रखें। पूजन के समय शंख में जल भरकर रखा जा सकता है। शंख को पूजा के स्थान पर रखते समय खुला हुआ भाग ऊपर की ओर होना चाहिए। इसे हमेशा भगवान विष्णु, लक्ष्मी या बाल गोपाल की मूर्ति के दाहिनी ओर रखें।
धन की प्राप्ति के लिए करें ये काम
धन की प्राप्ति के लिए शंख को 108 चावल के दानों के साथ लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी में स्थापित करें। इससे आर्थिक स्थिति में लाभ होता है।
By- Suman Saini
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'