Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि के दौरान रोज करें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप, चमक उठेगा सोया हुआ भाग्य
ममतामयी मां दुर्गा की महिमा निराली है। अपने भक्तों पर हमेशा कृपा बरसाती हैं। तंत्र मंत्र सीखने वाले साधक भी मां दुर्गा की कठिन भक्ति करते हैं। कठिन भक्ति से प्रसन्न होकर मां उन्हें मनोवांछित फल प्रदान करती हैं। अगर आप भी अपने जीवन में व्याप्त दुख और संकट से निजात पाना चाहते हैं तो शारदीय नवरात्र के दौरान रोजाना पूजा के समय इन चमत्कारी मंत्रों का जाप करें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली | Shardiya Navratri 2023: सनातन धर्म में शारदीय नवरात्र का विशेष महत्व है। इस दौरान जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त नौ दिनों तक व्रत उपवास रखा जाता है। शास्त्रों में मां दुर्गा की महिमा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। ममतामयी मां दुर्गा की महिमा निराली है। अपने भक्तों पर हमेशा कृपा बरसाती हैं। साथ ही उन्हें दुख से भी उबारती हैं। तंत्र मंत्र सीखने वाले साधक भी नवरात्र के दौरान मां दुर्गा की कठिन भक्ति करते हैं। कठिन भक्ति से प्रसन्न होकर मां उन्हें मनोवांछित फल प्रदान करती हैं। अगर आप भी अपने जीवन में व्याप्त दुख और संकट से निजात पाना चाहते हैं, तो शारदीय नवरात्र के दौरान रोजाना पूजा के समय इन चमत्कारी मंत्रों का जाप करें। इन चमत्कारी मंत्रों का जाप से सोया हुआ भाग्य भी चमक उठता है।
1. सिद्ध बीज मंत्र
- ह्रीं शिवायै नम:
- ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:
- ऐं श्रीं शक्तयै नम:
- ऐं ह्री देव्यै नम:
- ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
- क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:
- क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:
- श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:
- ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:
2. वंदना
देव्या यया ततमिदं जग्दात्मशक्त्या निश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूर्त्या |
तामम्बिकामखिलदेव महर्षिपूज्यां भक्त्या नताः स्म विदधातु शुभानि सा नः।।
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3. शक्तिशाली मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
5. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै
6. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
7. आह्वान मंत्र
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
8. भय नाशक मंत्र
सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्तिमन्विते ।
भये भ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमो स्तुते ॥
9. पाप नाशक मंत्र
हिनस्ति दैत्येजंसि स्वनेनापूर्य या जगत् ।
सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्यो नः सुतानिव ॥
10. संकट नाशक मंत्र
शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे ।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमो स्तुते ॥
11. बीमारी से रक्षा हेतु मंत्र
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभिष्टान् ।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्माश्रयतां प्रयान्ति ॥
12. बल प्राप्ति हेतु दुर्गा मंत्र
सृष्टि स्तिथि विनाशानां शक्तिभूते सनातनि ।
गुणाश्रेय गुणमये नारायणि नमो स्तुते ॥
13. धन प्राप्ति हेतु मंत्र
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो:
स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दारिद्र्यदु:खभयहारिणि का त्वदन्या
14. रक्षा हेतु दुर्गा मंत्र
शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।
घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च॥
15. सौभाग्य प्राप्ति हेतु मंत्र
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥
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