Shardiya Navratri 2023: इस दिन से हो रही है शारदीय नवरात्रि की शुरुआत, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
Shardiya Navratri 2023 आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि की शुरुआत होती है। इस वर्ष देवी दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी जिसे बहुत ही शुभ माना गया है। शारदीय नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक साधक उपवास और देवी दुर्गा के 9 रूपों की पूजा करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Thu, 28 Sep 2023 05:03 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Shardiya Navratri 2023 Date: शारदीय नवरात्रि के दौरान कलश स्थापना या घट स्थापना का विशेष महत्व रखती है। इस दौरान घट स्थापना और नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने का विधान है। इस वर्ष नवरात्रि का प्रारंभ 15 अक्टूबर, 2023 रविवार से होगा। साथ ही इसका समापन 23 अक्टूबर सोमवार के दिन होगा।
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त (Ghat Sthapana ka shubh muhurt)
शारदीय नवरात्रि की कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर, 2023 सुबह 06 बजकर 27 मिनट से 10 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना के बाद मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
शारदीय नवरात्रि का महत्व (Shardiya Navratri Importance)
सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। आश्विन मास में शरद ऋतु का प्रारंभ हो जाता है, इसलिए इसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। यह पर्व मां दुर्गा के 9 रूपों को समर्पित है। इस दौरान मां दुर्गा की पूजा-अर्चना व व्रत करने से साधक के सभी दुख-संताप दूर होते हैं। साथ ही मां दुर्गा की कृपा से साधक की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।यह भी पढ़ें - Pitru Paksha 2023: पढ़िए पितृ पक्ष से जुड़ी ये कहानियां, जो हमें बताती हैं इसका महत्व
शारदीय नवरात्रि में घट स्थापना का महत्व
शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना या घट स्थापना का विशेष महत्व माना जाता है। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन या कलश स्थापना के बाद ही मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कलश स्थापना करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।साथ ही मां दुर्गा के आशीर्वाद से धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती। कलश स्थापना के दौरान इसमें नारियल भी रखा जाता है। इससे घर के सदस्यों को आरोग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही इससे पूजा बिना किसी बाधा के पूरी होती है।डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'