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Shardiya Navratri 2023: आज पूजा के समय करें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप और आरती, सभी संकटों से मिलेगी मुक्ति

सनातन शास्त्रों में निहित है कि मां सिद्धिदात्री ने सृष्टि की रचना की। मां सिद्धिदात्री की साधना करने से त्रिदेव को सिद्धि प्राप्त हुई थी। धार्मिक मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। अगर आप भी जीवन में व्याप्त दुख और संकट से निजात पाना चाहते हैं तो पूजा के समय इन चमत्कारी मंत्रों का जाप और आरती जरूर करें।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 23 Oct 2023 08:00 AM (IST)
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Shardiya Navratri 2023: आज पूजा के समय करें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप और आरती, सभी संकटों से मिलेगी मुक्ति
धर्म डेस्क, नई दिल्ली | Shardiya Navratri 2023 Day 9: आज शारदीय नवरात्र की महानवमी है। इस शुभ अवसर पर जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जा रही है। साथ ही विशेष कार्य में सिद्धि प्राप्ति हेतु व्रत भी रखा जा रहा है। शारदीय नवरात्र का समापन महानवमी तिथि पर होता है। इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। साथ ही पूजा के अंत में हवन किया जाता है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि मां सिद्धिदात्री ने सृष्टि की रचना की। मां सिद्धिदात्री की साधना करने से त्रिदेव को सिद्धि प्राप्त हुई थी। धार्मिक मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। अतः साधक श्रद्धा भाव से मां की पूजा करते हैं। अगर आप भी जीवन में व्याप्त दुख और संकट से निजात पाना चाहते हैं, तो पूजा के समय इन चमत्कारी मंत्रों का जाप और आरती जरूर करें।

मां सिद्धिदात्री की आरती

जय सिद्धिदात्री मां, तू सिद्धि की दाता।

तू भक्तों की रक्षक, तू दासों की माता।

तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।

तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।

कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।

जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम।

तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।

तू जगदम्बे दाती तू सर्व सिद्धि है।

रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।

तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो।

तू सब काज उसके करती है पूरे।

कभी काम उसके रहे ना अधूरे।

तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।

रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया।

सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।

जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली।

हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।

महा नंदा मंदिर में है वास तेरा।

मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।

भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता।

सिद्धिदात्री देवी स्तोत्र

वन्दे वांछितमनरोरार्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम्।

कमलस्थिताचतुर्भुजासिद्धि यशस्वनीम्॥

स्वर्णावर्णानिर्वाणचक्रस्थितानवम् दुर्गा त्रिनेत्राम।

शंख, चक्र, गदा पदमधरा सिद्धिदात्रीभजेम्॥

पटाम्बरपरिधानांसुहास्यानानालंकारभूषिताम्।

मंजीर, हार केयूर, किंकिणिरत्नकुण्डलमण्डिताम्॥

प्रफुल्ल वदनापल्लवाधराकांत कपोलापीनपयोधराम्।

कमनीयांलावण्यांक्षीणकटिंनिम्ननाभिंनितम्बनीम्॥

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स्तोत्र

कंचनाभा शंखचक्रगदामधरामुकुटोज्वलां।

स्मेरमुखीशिवपत्नीसिद्धिदात्रीनमोअस्तुते॥

पटाम्बरपरिधानांनानालंकारभूषितां।

नलिनस्थितांपलिनाक्षींसिद्धिदात्रीनमोअस्तुते॥

परमानंदमयीदेवि परब्रह्म परमात्मा।

परमशक्ति,परमभक्तिसिद्धिदात्रीनमोअस्तुते॥

विश्वकतींविश्वभर्तीविश्वहतींविश्वप्रीता।

विश्वचताविश्वतीतासिद्धिदात्रीनमोअस्तुते॥

भुक्तिमुक्तिकारणीभक्तकष्टनिवारिणी।

भवसागर तारिणी सिद्धिदात्रीनमोअस्तुते।।

धर्माथकामप्रदायिनीमहामोह विनाशिनी।

मोक्षदायिनीसिद्धिदात्रीसिद्धिदात्रीनमोअस्तुते॥

माता सिद्धिदात्री देवी कवच

ओंकार: पातुशीर्षोमां, ऐं बीजंमां हृदयो ।

हीं बीजंसदापातुनभोगृहोचपादयो ॥

ललाट कर्णोश्रींबीजंपातुक्लींबीजंमां नेत्र घ्राणो ।

कपोल चिबुकोहसौ:पातुजगत्प्रसूत्यैमां सर्व वदनो ॥

इन मंत्रों का जाप करें

* ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ।।

* ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ।

* वन्दे वांछित मनोरथार्थ चन्द्रार्घकृत शेखराम् ।

कमलस्थितां चतुर्भुजा सिद्धीदात्री यशस्वनीम् ।।

* या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता ।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।

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