Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Shardiya Navratri 2024 Day 5: स्कंदमाता की पूजा के समय करें इस चालीसा का पाठ, अन्न-धन से भर जाएंगे भंडार

सनातन शास्त्रों में निहित है कि स्कंदमाता (Shardiya Navratri 2024) की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है। स्कंदमाता चार भुजा धारी हैं। एक भुजा वरमुद्रा में है। इससे तीनों लोकों का कल्याण होता है। साधक भक्ति भाव से जगत की देवी मां पार्वती की पूजा करते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 06 Oct 2024 06:26 PM (IST)
Hero Image
Shardiya Navratri 2024 Day 5: स्कंदमाता को कैसे प्रसन्न करें?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shardiya Navratri 2024 Day 5: शारदीय नवरात्र का पांचवां दिन स्कंदमाता को समर्पित होता है। इस दिन मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए उनके निमित्त पांचवें दिन व्रत रखा जाता है। धार्मिक मत है कि स्कंदमाता की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। इसके साथ ही सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। अगर आप भी स्कंदमाता की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो नवरात्र के पांचवें दिन स्कंदमाता की भक्ति भाव से पूजा करें। वहीं, पूजा के समय स्कंदमाता चालीसा का पाठ अवश्य करें।

यह भी पढ़ें: दुर्गा सप्तशती पाठ के दौरान की गई ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी, अभी जानें सही नियम

माता पार्वती चालीसा

दोहा

जय गिरी तनये दक्षजे शम्भू प्रिये गुणखानि।

गणपति जननी पार्वती अम्बे! शक्ति! भवानि।

चौपाई

ब्रह्मा भेद न तुम्हरो पावे, पंच बदन नित तुमको ध्यावे।

षड्मुख कहि न सकत यश तेरो, सहसबदन श्रम करत घनेरो।।

तेऊ पार न पावत माता, स्थित रक्षा लय हिय सजाता।

अधर प्रवाल सदृश अरुणारे, अति कमनीय नयन कजरारे।।

ललित ललाट विलेपित केशर, कुंकुंम अक्षत् शोभा मनहर।

कनक बसन कंचुकि सजाए, कटी मेखला दिव्य लहराए।।

कंठ मंदार हार की शोभा, जाहि देखि सहजहि मन लोभा।

बालारुण अनंत छबि धारी, आभूषण की शोभा प्यारी।।

नाना रत्न जड़ित सिंहासन, तापर राजति हरि चतुरानन।

इन्द्रादिक परिवार पूजित, जग मृग नाग यक्ष रव कूजित।।

गिर कैलास निवासिनी जय जय, कोटिक प्रभा विकासिनी जय जय।

त्रिभुवन सकल कुटुंब तिहारी, अणु अणु महं तुम्हारी उजियारी।।

हैं महेश प्राणेश तुम्हारे, त्रिभुवन के जो नित रखवारे।

उनसो पति तुम प्राप्त कीन्ह जब, सुकृत पुरातन उदित भए तब।।

बूढ़ा बैल सवारी जिनकी, महिमा का गावे कोउ तिनकी।

सदा श्मशान बिहारी शंकर, आभूषण हैं भुजंग भयंकर।।

कण्ठ हलाहल को छबि छायी, नीलकण्ठ की पदवी पायी।

देव मगन के हित अस किन्हो, विष लै आपु तिनहि अमि दिन्हो।।

ताकी, तुम पत्नी छवि धारिणी, दुरित विदारिणी मंगल कारिणी।

देखि परम सौंदर्य तिहारो, त्रिभुवन चकित बनावन हारो।।

भय भीता सो माता गंगा, लज्जा मय है सलिल तरंगा।

सौत समान शम्भू पहआयी, विष्णु पदाब्ज छोड़ि सो धायी।।

तेहि कों कमल बदन मुरझायो, लखी सत्वर शिव शीश चढ़ायो।

नित्यानंद करी बरदायिनी, अभय भक्त कर नित अनपायिनी।।

अखिल पाप त्रयताप निकन्दिनी, माहेश्वरी, हिमालय नन्दिनी।

काशी पुरी सदा मन भायी, सिद्ध पीठ तेहि आपु बनायी।।

भगवती प्रतिदिन भिक्षा दात्री, कृपा प्रमोद सनेह विधात्री।

रिपुक्षय कारिणी जय जय अम्बे, वाचा सिद्ध करि अवलम्बे।।

गौरी उमा शंकरी काली, अन्नपूर्णा जग प्रतिपाली।

सब जन की ईश्वरी भगवती, पतिप्राणा परमेश्वरी सती।।

तुमने कठिन तपस्या कीनी, नारद सों जब शिक्षा लीनी।

अन्न न नीर न वायु अहारा, अस्थि मात्रतन भयउ तुम्हारा।।

पत्र घास को खाद्य न भायउ, उमा नाम तब तुमने पायउ।

तप बिलोकी ऋषि सात पधारे, लगे डिगावन डिगी न हारे।।

तब तव जय जय जय उच्चारेउ, सप्तऋषि निज गेह सिद्धारेउ।

सुर विधि विष्णु पास तब आए, वर देने के वचन सुनाए।।

मांगे उमा वर पति तुम तिनसों, चाहत जग त्रिभुवन निधि जिनसों।

एवमस्तु कही ते दोऊ गए, सुफल मनोरथ तुमने लए।।

करि विवाह शिव सों भामा, पुनः कहाई हर की बामा।

जो पढ़िहै जन यह चालीसा, धन जन सुख देइहै तेहि ईसा।।

दोहा

कूटि चंद्रिका सुभग शिर, जयति जयति सुख खा‍नि,

पार्वती निज भक्त हित, रहहु सदा वरदानि।

यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2024 Day 4: नवरात्र में कर रहे हैं ये गलतियां तो हो जाएं सावधान, नोट करें पूजा मुहूर्त

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।