Shardiya Navratri 2024 Day 6: बेहद शक्तिशाली हैं मां कात्यायनी के ये मंत्र, जप करने से बरसेगी देवी की अपार कृपा
धार्मिक मान्यता है कि मां कात्यायनी (Shardiya Navratri 2024) भक्तों पर सदैव विशेष कृपा बरसाती हैं। उनकी विधिपर्वक पूजा-अर्चना करने से घर में सुख समृद्धि एवं खुशहाली का आगमन होता है। साथ ही जीवन के सभी दुख-दर्द दूर होते हैं। साधक शारदीय नवरात्र के छठे दिन मनोकामना पूर्ति हेतु भक्ति भाव से व्रत रखते हैं। साथ ही मां को प्रिय चीजों का भोग लगाते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र का छठा दिन 08 अक्टूबर को है। इस दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप देवी कात्यायनी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सच्चे मन से देवी कात्यायनी (Maa Katyayani Puja Mantra) की उपासना करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा के दौरान मंत्रों का जप जरूर करना चाहिए। इससे साधक पर देवी कात्यायनी की अपार कृपा बरसती है।
मां कात्यायनी के मंत्र (Maa Katyayani Mantra)
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः
मां कात्यायनी का स्तुति मंत्र -
या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
प्रार्थना मंत्र -
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥
मां कात्यायनी का बीज मंत्र -
क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:। यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2024 Day 6: नवरात्र के छठे दिन इस विधि से करें मां कात्यायनी की पूजा, नोट करें प्रिय भोग और पुष्पअन्य मंत्र
- ॐ ह्रीं नम:।।'
- चन्द्रहासोज्जवलकराशार्दुलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।
- ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥
मां दुर्गा के मंत्र
1. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।2. पठित्वा पाठयित्वा च नरो मुच्येत सङ्कटात् ॥उमा देवी शिरः पातु ललाटं शूलधारिणी ।चक्षुषी खेचरी पातु वदनं सर्वधारिणी ॥ जिह्वां च चण्डिका देवी ग्रीवां सौभद्रिका तथा ।अशोकवासिनी चेतो द्वौ बाहू वज्रधारिणी ॥हृदयं ललिता देवी उदरं सिंहवाहिनी ।कटिं भगवती देवी द्वावूरू विन्ध्यवासिनी ॥महाबाला च जङ्घे द्वे पादौ भूतलवासिनीएवं स्थिताऽसि देवि त्वं त्रैलोक्यरक्षणात्मिके ।रक्ष मां सर्वगात्रेषु दुर्गे दॆवि नमोऽस्तु ते ॥3. हिनस्ति दैत्येजंसि स्वनेनापूर्य या जगत् । सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्यो नः सुतानिव ॥4. रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभिष्टान् ।त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्माश्रयतां प्रयान्ति ॥5. शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे ।सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमो स्तुते ॥6. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।7. “दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो: स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।दारिद्र्यदु:खभयहारिणि का त्वदन्यासर्वोपकारकरणाय सदाऽऽर्द्रचित्ता॥”सृष्टि स्तिथि विनाशानां शक्तिभूते सनातनि ।गुणाश्रेय गुणमये नारायणि नमो स्तुते ॥8. 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै'यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2024 Day 6: छठा दिन मां कात्यायनी को है समर्पित, इस कथा के पाठ से संकट होंगे दूर अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।