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Shardiya Navratri 2024: इस समय तक की जा सकेगी मां सिद्धिदात्रि की पूजा, जरूर करें आरती व मंत्रों का जप

नवरात्र के आखिरी यानी नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने का विधान है। ऐसे में शारदीय नवरात्र के दौरान शुक्रवार 11 अक्टूबर को देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी। ऐसा माना जाता है कि माता पार्वती के इस स्वरूप की पूजा करने से साधक को अष्टसिद्धि की प्राप्ति हो सकती है और उसके सभी काम बिना किसी बाधा के पूरे होते हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 11 Oct 2024 09:31 AM (IST)
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maa siddhidatri Ki Aarti पढ़ें मां सिद्धिदात्रि की आरती व मंत्र।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्र की अवधि 03 अक्टूबर से शुरू हुई थी, जिसका समापन 11 अक्टूबर को माता सिद्धिदात्रि की पूजा के साथ होने जा रहा है। इस बार अष्टमी और नवमी का संयोग भी बन रहा है। ऐसे में नवरात्र के आखिरी दिन (Shardiya Navratri Day 9) को मां दुर्गा की कृपा प्राप्ति के लिए बहुत ही खास माना गया है। इस दिन देवी मां को प्रसन्न करने के लिए मां सिद्धिदात्रि की पूजा में उनकी आरती व मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए।

इस समय करें पूजा

नवरात्र के नवमी तिथि की शुरुआत शुक्रवार, 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 06 मिनट हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन शनिवार, 12 अक्टूबर दोपहर 10 बजकर 58 मिनट को होगा। ऐसे में साधक इसी दिन नवमी की पूजा कर सकेंगे। 

मां सिद्धिदात्रि आरती ( Maa Siddhidatri ki Aarti)

जय सिद्धिदात्रि माँ तू सिद्धि की दाता। तु भक्तों की रक्षक तू दासों की माता॥

तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि। तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि॥

कठिन काम सिद्ध करती हो तुम। जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम॥

तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है। तू जगदम्बें दाती तू सर्व सिद्धि है॥

रविवार को तेरा सुमिरन करे जो। तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो॥

तू सब काज उसके करती है पूरे। कभी काम उसके रहे ना अधूरे॥

तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया। रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया॥

सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली। जो है तेरे दर का ही अम्बें सवाली॥

हिमाचल है पर्वत जहाँ वास तेरा। महा नन्दा मन्दिर में है वास तेरा॥

मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता। भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता॥

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मां सिद्धिदात्रि मंत्र (Ma Siddhidatri Ke mantra) -

ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः॥

मां सिद्धिदात्रि प्रार्थना -

सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।

सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥

मां सिद्धिदात्रि स्तुति मंत्र -

या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

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मां सिद्धिदात्रि का ध्यान मंत्र -

वन्दे वाञ्छित मनोरथार्थ चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

कमलस्थिताम् चतुर्भुजा सिद्धीदात्री यशस्विनीम्॥

स्वर्णवर्णा निर्वाणचक्र स्थिताम् नवम् दुर्गा त्रिनेत्राम्।

शङ्ख, चक्र, गदा, पद्मधरां सिद्धीदात्री भजेम्॥

पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।

मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥

प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोला पीन पयोधराम्।

कमनीयां लावण्यां श्रीणकटिं निम्ननाभि नितम्बनीम्॥

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।