Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Navratri 2024 Pooja: इस आरती के बिना अधूरी है मां शैलपुत्री की पूजा, प्राप्त होगा पूजा का पूर्ण फल

शारदीय नवरात्र (Navratri 2024 Pooja) के पर्व को जीवन के दुख और संकट को दूर करने के लिए उत्तम माना जाता है। पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्र का शुभारंभ आज यानी 03 अक्टूबर से हो गया है। वहीं इस पर्व का समापन 11 अक्टूबर को होगा। शारदीय नवरात्र की पूजा मां दुर्गा की आरती के बिना अधूरी मानी जाती है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Thu, 03 Oct 2024 10:05 AM (IST)
Hero Image
Shardiya Navratri 2024: मां शैलपुत्री की आरती

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से मां दुर्गा को समर्पित शारदीय नवरात्र की शुरुआत होती है, जिसका समापन नवमी तिथि पर होता है। इन पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसे में आप शारदीय नवरात्र के पहले दिन इस लेख में दी गई मां शैलपुत्री की आरती ( Shardiya Navratri 2024) जरूर करें। मान्यता है कि इस आरती (Navratri 2024 pooja) को करने से घर में मां दुर्गा का आगमन होता है। साथ ही पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

मां शैलपुत्री आरती (Mata KI aarti)

शैलपुत्री मां बैल पर सवार।

करें देवता जय जयकार।

शिव शंकर की प्रिय भवानी।

तेरी महिमा किसी ने ना जानी।

पार्वती तू उमा कहलावे।

जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।

ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू।

दया करे धनवान करे तू।

सोमवार को शिव संग प्यारी।

आरती तेरी जिसने उतारी।

उसकी सगरी आस पुजा दो।

सगरे दुख तकलीफ मिला दो।

घी का सुंदर दीप जला के।

गोला गरी का भोग लगा के।

श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं।

प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।

जय गिरिराज किशोरी अंबे।

शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।

मनोकामना पूर्ण कर दो।

भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।

जय मां शैलपुत्री की, जय माता दी

यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2024: घटस्थापना की लिस्ट में शामिल करना न भूलें ये चीजें, पूजा में नहीं आएगी कोई बाधा

दुर्गा जी की आरती

ॐ जय अम्बे गौरी…

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।

तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।

उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै ।

रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी ।

सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।

कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती ।

धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे ।

मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी ।

आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों ।

बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू ॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता,

भक्तन की दुख हरता । सुख संपति करता ॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी ।

मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।

श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती ॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे ।

कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे ॥

ॐ जय अम्बे गौरी...

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।

यह भी पढ़ें: Shardiya Navratri का पहला दिन मां शैलपुत्री को है समर्पित, जानें घटस्थापना मुहूर्त, भोग और मंत्र

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।