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Shardiya Navratri Day 7: मां कालरात्रि की पूजा से दूर होता है अकाल मृत्यु का भय, जानिए पूजा विधि

Shardiya Navratri 2023 नवरात्र का सातवां दिन मां दुर्गा के स्वरूप देवी कालरात्रि की पूजा के लिए समर्पित है। मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करती हैं। साथ ही उन्हें वीरता और साहस का प्रतीक माना गया है। मां काली की आराधना करने से जीवन के सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है। ऐसे में आइए जानते हैं नवरात्र का सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा विधि।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Fri, 20 Oct 2023 10:23 AM (IST)
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Maa Kalratri puja जानिए मां कालरात्रि की पूजा विधि।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Maa Kalratri Puja vidhi: हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाले नवरात्र की शुरुआत इस साल 15 अक्टूबर से हुई थी। साथ ही इसका समापन 23 अक्टूबर को हो रहा है। नवरात्र में पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा करने का विशेष महत्व है। नवरात्रि के सातवें दिन माता कालिका की पूजा की जाती है।

मां कालरात्रि की पूजा का महत्व (Maa Kalratri Puja Importance)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता कालरात्रि की पूजा-अर्चना करने से सभी सिद्धियां प्राप्त होती हैं। तंत्र मंत्र के साधक मां कालरात्रि की विशेष रूप से पूजा करते हैं। वहीं, मां काली की आराधना करने से व्यक्ति भयमुक्त हो जाता है। साथ ही यह भी माना गया है कि मां काली अपने भक्तों की अकाल मृत्यु से रक्षा करती हैं।

मां कालरात्रि पूजा विधि (Maa Kalratri Puja)

नवरात्र की सप्तमी तिथि की पूजा नवरात्र अन्य दिनों की तरह ही कर सकते हैं, लेकिन मां काली की उपासना करने के लिए सबसे उपयुक्त समय मध्य रात्रि का माना गया है। ऐसे में सर्वप्रथम पूजा स्थान की अच्छे से साफ-सफाई करने के बाद चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर मां कालरात्रि की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। पूजा के दौरान मां कालिका को रातरानी के फूल चढ़ाएं। भोग के रूप में गुड़ अर्पित करें। इसके बाद कपूर या दीपक से माता की आरती उतारें। इसके बाद मां कालरात्रि के मंत्रों का लाल चंदन की माला से जाप करें।

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इन मंत्रों का करें जाप (Maa Kalratri Puja Mantra)

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।

लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥

वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।

वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥

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