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Sheetala Ashtami 2021 Puja: 4 मार्च को है शीतला अष्टमी, इस तरह करें पूजन

Sheetala Ashtami 2021 Puja शीतला माता को अत्यंत शीतल माना जाता है। कहा जाता है कि ये कष्ट-रोग हरने वाली होती हैं। इनकी सवारी गधा है। इनके हाथ में कलश सूप नीम के पत्ते और झाड़ू है। इनकी अराधना गर्मी के मौसम में ही की जाती है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Sat, 03 Apr 2021 08:13 AM (IST)
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Sheetala Ashtami 2021: 4 मार्च को है शीतला अष्टमी, इस तरह करें पूजन विधि
Sheetala Ashtami 2021 Puja: शीतला माता को अत्यंत शीतल माना जाता है। कहा जाता है कि ये कष्ट-रोग हरने वाली होती हैं। इनकी सवारी गधा है। इनके हाथ में कलश, सूप, नीम के पत्ते और झाड़ू है। इनकी अराधना गर्मी के मौसम में ही की जाती है। मुख्य रूप से इन्हें शीतला अष्टमी के दिन पूजा जाता है जो इस वर्ष 4 अप्रैल को पड़ रही है। हर वर्ष होली के आठवें दिन यानि चैत्र मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी मनाई जाती है। शीतला अष्टमी वाले दिन शीतला माता को इनको शीतल और बासी खाना चढ़ाया जाता है। इसे बसौड़ा भी कहा जाता है। आइए जानते हैं शीतला अष्टमी की पूजा कैसे करें।

इस तरह करें मां शीतला की पूजा:

  • शीतला अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए। फिर स्नानादि से निवृत्त हो व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
  • फिर थाली में भोगा का सारा सामान, दही, पुआ, रबड़ी, सप्तमी तिथि को बनाए गए मीठे चावल, नमक पारे और मठरी सजा लें।
  • फिर पूजा की थाली लें। इसमें दीपक रखें जो आटे से बना हुआ हो। साथ ही रोली, वस्त्र, अक्षत, हल्दी, मोली, होली वाली बड़कुले की माला, सिक्के और मेहंदी आदि सामान को पूजा की थाली में रख लें।
  • फिर एक लोटा लें और उसमें शीतल जल भर दें।
  • इसके बाद माता शीतला की पूजा शुरू करें। उनके सामने दीपक जलाएं।
  • फिर माता का तिलक रोली और हल्दी से करें। मां को मेहंदी, मोली, वस्त्र आदि अर्पित करें।
  • इसके बाद माता को शीतल जल और भोग चढ़ाएं।
  • पूजा करने के बाद बचा हुआ जल सभी सदस्यों को दें। इस जल को आंख से लगाएं।
  • फिर बाकी के जल को पूरे घर में छिड़क दें। 
डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'