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Maa Sheetala Aarti : शीतला अष्टमी के दिन करें मां की ये आरती, रोगों से मिलेगी मुक्ति

Maa Sheetala Aarti 25 अप्रैल को शीतला अष्टमी है। मां शीतला की विधि-विधान से पूजा करने के साथ इस आरती को जरूर करना चाहिए। इससे मां शीतला का आर्शीवाद हमेशा आपके ऊपर बना रहेगा। इसके साथ ही हमेशा रोगमुक्त रहेंगे।

By Shivani SinghEdited By: Updated: Fri, 25 Mar 2022 08:21 AM (IST)
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Maa Sheetala Aarti : मां शीतला की आरती

नई दिल्ली, Sheetala Mata Aarti: हिंदू पंचांग के अनुसार, होली के आठवें दिन यानी चैत्र मास की अष्टमी तिथि को शीलता अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस दिन माता शीतला की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। यह पर्व सप्तमी के दिन से शुरू हो जाता है। इस पर्व को बसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मां की पूजा , कथा, भोग के साथ आरती करने का विशेष महत्व है। रोगों से मुक्ति पाने और सुख-समृद्धि के लिए घी के दीपक, कपूर के संग इस आरती को करना चाहिए। आज जरूर पढ़ें शीतला मां की ये आरती।

शीतला माता की आरती

जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

आदि ज्योति महारानी,

सब फल की दाता ॥

ॐ जय शीतला माता..॥

रतन सिंहासन शोभित,

श्वेत छत्र भाता ।

ऋद्धि-सिद्धि चंवर ढुलाना,

जगमग छवि छाता ॥

ॐ जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

विष्णु सेवत ठाढ़े,

सेवें शिव धाता ।

वेद पुराण वर्णित,

पार नहीं पाता ॥

ॐ जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

इन्द्र मृदंग बजावत,

चन्द्र वीणा हाथा ।

सूरज ताल बजावे,

नारद मुनि गाता ॥

ॐ जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

घण्टा शङ्ख शहनाई,

बाजै मन भाता ।

करै भक्तजन आरती,

लखि लखि हर्षाता ॥

ॐ जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

ब्रह्म रूप वरदानी,

तुही तीन काल ज्ञाता ।

भक्तन को सुख देती,

मातु पिता भ्राता ॥

ॐ जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

जो जन ध्यान लगावे,

प्रेम शक्ति पाता ।

सकल मनोरथ पावे,

भवनिधि तर जाता ॥

ॐ जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

रोगों से जो पीड़ित कोई,

शरण तेरी आता ।

कोढ़ी पावे निर्मल काया,

अन्ध नेत्र पाता ॥

ॐ जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

बांझ पुत्र को पावे,

दारिद्र कट जाता ।

ताको भजै जो नाहीं,

सिर धुनि पछताता ॥

ॐ जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

शीतल करती जननी,

तू ही है जग त्राता ।

उत्पत्ति व्याधि बिनाशन,

तू सब की घाता ॥

ॐ जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

दास विचित्र कर जोड़े,

सुन मेरी माता ।

भक्ति आपनी दीजै,

और न कुछ भाता ॥

जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

आदि ज्योति महारानी,

सब फल की दाता ॥

ॐ जय शीतला माता..॥