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Sheetala Ashtami 2024: शीतला अष्टमी के दिन इन मंत्रों का करें जाप, जीवन में सदैव रहेंगे निरोगी

चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर शीतला अष्टमी का व्रत किया जाता है। इसे बासोड़ा के नाम से भी जाना जाता है। अगर आप जीवन में सदैव निरोगी रहना चाहते हैं तो शीतला अष्टमी पर पूजा के दौरान शीतला माता के मंत्रों का जाप करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक बीमारियों से बचा रहता है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 02 Apr 2024 08:00 AM (IST)
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Sheetala Ashtami 2024: शीतला अष्टमी के दिन इन मंत्रों का करें जाप, जीवन में सदैव रहेंगे निरोगी

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sheetala Ashtami 2024 Puja Mantra: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर शीतला अष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार शीतला अष्टमी 02 अप्रैल को है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस खास असवर पर शीतला माता की पूजा और व्रत करने से साधक को जीवन में विशेष लाभ प्राप्त होता है। अगर आप जीवन में सदैव निरोगी रहना चाहते हैं, तो शीतला अष्टमी पर पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक बीमारियों से बचा रहता है। आइए जानते हैं इन शीतला माता के मंत्र के बारे में।

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शीतला माता के मंत्र (Sheetala Mata Mantra)

1. शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता।

शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः।।

2. ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः

3. वन्देऽहंशीतलांदेवीं रासभस्थांदिगम्बराम्।

मार्जनीकलशोपेतां सूर्पालंकृतमस्तकाम्।।

शीतला अष्टमी 2024 शुभ मुहूर्त (Sheetala Ashtami 2024 Shubh Muhurat)

चैत्र माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 01 अप्रैल को रात 09 बजकर 09 मिनट से हो गई है और इसका समापन 02 अप्रैल को रात 08 बजकर 08 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व है। ऐसे में शीतला अष्टमी का पर्व 02 अप्रैल को मनाया जाएगा।

शीतला माता की आरती (Sheetala Mata Ki Aarti)

जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

आदि ज्योति महारानी,

सब फल की दाता ॥

ॐ जय शीतला माता..॥

रतन सिंहासन शोभित,

श्वेत छत्र भाता ।

ऋद्धि-सिद्धि चँवर ढुलावें,

जगमग छवि छाता ॥

ॐ जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

विष्णु सेवत ठाढ़े,

सेवें शिव धाता ।

वेद पुराण वरणत,

पार नहीं पाता ॥

ॐ जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

इन्द्र मृदङ्ग बजावत,

चन्द्र वीणा हाथा ।

सूरज ताल बजावै,

नारद मुनि गाता ॥

ॐ जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

घण्टा शङ्ख शहनाई,

बाजै मन भाता ।

करै भक्तजन आरती,

लखि लखि हर्षाता ॥

ॐ जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

ब्रह्म रूप वरदानी,

तुही तीन काल ज्ञाता ।

भक्तन को सुख देती,

मातु पिता भ्राता ॥

ॐ जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

जो जन ध्यान लगावे,

प्रेम शक्ति पाता ।

सकल मनोरथ पावे,

भवनिधि तर जाता ॥

ॐ जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

रोगों से जो पीड़ित कोई,

शरण तेरी आता ।

कोढ़ी पावे निर्मल काया,

अन्ध नेत्र पाता ॥

ॐ जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

बांझ पुत्र को पावे,

दारिद्रय कट जाता ।

ताको भजै जो नाहीं,

सिर धुनि पछताता ॥

ॐ जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

शीतल करती जननी,

तू ही है जग त्राता ।

उत्पत्ति व्याधि बिनाशन,

तू सब की घाता ॥

ॐ जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

दास विचित्र कर जोड़े,

सुन मेरी माता ।

भक्ति आपनी दीजै,

और न कुछ भाता ॥

जय शीतला माता,

मैया जय शीतला माता ।

आदि ज्योति महारानी,

सब फल की दाता ॥

ॐ जय शीतला माता..॥

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