Move to Jagran APP

Shukrawar Ke Upay: धन प्राप्ति और कारोबार में तरक्की पाने के लिए शुक्रवार के दिन करें ये उपाय

कुंडली में शुक्र की स्थिति शुभ या मजबूत होने पर जातक को जीवन में सभी प्रकार के भौतिक और सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। वहीं कमजोर शुक्र के चलते व्यक्ति को आर्थिक संकटों से गुजरना पड़ता है। अतः ज्योतिष शुक्रवार के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और दैत्यों के गुरु शुक्र देव और कुबेर देव की पूजा करने की सलाह देते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarPublished: Thu, 23 May 2024 05:56 PM (IST)Updated: Thu, 23 May 2024 05:56 PM (IST)
Shukrawar Ke Upay: धन प्राप्ति और कारोबार में तरक्की पाने के लिए शुक्रवार के दिन करें ये उपाय

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shukrawar Ke Upay: ज्योतिष शास्त्र में शुक्र देव को सुखों का कारक माना जाता है। कुंडली में शुक्र की स्थिति शुभ या मजबूत होने पर जातक को जीवन में सभी प्रकार के भौतिक और सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। वहीं, कमजोर शुक्र के चलते व्यक्ति को आर्थिक संकटों से गुजरना पड़ता है। अतः ज्योतिष शुक्रवार के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और दैत्यों के गुरु शुक्र देव और कुबेर देव की पूजा करने की सलाह देते हैं। धन प्राप्ति हेतु शुक्रवार के दिन विशेष उपाय करने का भी विधान है। इन उपायों को करने से कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है। इससे सुखों में वृद्धि होती है। वहीं, करियर और कारोबार को भी नया आयाम मिलता है। आइए, उपाय जानते हैं-

यह भी पढ़ें: कब और कैसे हुई धन की देवी की उत्पत्ति? जानें इससे जुड़ी कथा एवं महत्व


उपाय

  • ज्योतिषियों की मानें तो शुक्रवार के दिन पानी में इलायची मिलाकर स्नान करने से कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है। आप चाहे तो रोजाना इलायची मिश्रित पानी से स्नान कर सकते हैं।
  • दैत्यों के गुरु शुक्र देव के आराध्य भगवान शिव हैं। अतः शुक्रवार के दिन गंगाजल में सुगंध मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। उनकी कृपा से साधक को मनचाहा वर मिलता है।
  • शुक्रवार के दिन स्नान-ध्यान के बाद विधि-विधान से धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करें। मां लक्ष्मी को प्रसाद में चावल की खीर अर्पित करें। साथ ही सात कौड़ी मां लक्ष्मी को अर्पित करें। अब अर्पित कौड़ी को पीले रंग के वस्त्र में बांधकर तिजोरी में रख दें।

शुक्र मंत्र

  1. ऊँ ह्रीं श्रीं शुक्राय नम:
  2. ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:
  3. ऊँ वस्त्रं मे देहि शुक्राय स्वाहा।
  4. ॐ भृगुराजाय विद्महे दिव्य देहाय धीमहि तन्नो शुक्र प्रचोदयात्।।
  5. ऊँ अन्नात्परिस्रुतो रसं ब्रह्मणा व्यपिबत क्षत्रं पय:सेमं प्रजापति:।
  6. ऊँ हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम ।।

शुक्र कवच

मृणालकुन्देन्दुषयोजसुप्रभं पीतांबरं प्रस्रुतमक्षमालिनम् ।

समस्तशास्त्रार्थनिधिं महांतं ध्यायेत्कविं वांछितमर्थसिद्धये ॥

ॐ शिरो मे भार्गवः पातु भालं पातु ग्रहाधिपः ।

नेत्रे दैत्यगुरुः पातु श्रोत्रे मे चन्दनदयुतिः ॥

पातु मे नासिकां काव्यो वदनं दैत्यवन्दितः ।

जिह्वा मे चोशनाः पातु कंठं श्रीकंठभक्तिमान् ॥

भुजौ तेजोनिधिः पातु कुक्षिं पातु मनोव्रजः ।

नाभिं भृगुसुतः पातु मध्यं पातु महीप्रियः॥

कटिं मे पातु विश्वात्मा ऊरु मे सुरपूजितः ।

जानू जाड्यहरः पातु जंघे ज्ञानवतां वरः ॥

गुल्फ़ौ गुणनिधिः पातु पातु पादौ वरांबरः ।

सर्वाण्यङ्गानि मे पातु स्वर्णमालापरिष्कृतः ॥

य इदं कवचं दिव्यं पठति श्रद्धयान्वितः ।

न तस्य जायते पीडा भार्गवस्य प्रसादतः ॥

यह भी पढ़ें: आखिर किस वजह से कौंच गंधर्व को द्वापर युग में बनना पड़ा भगवान गणेश की सवारी?

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.