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Som Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत भगवान शिव को है समर्पित, जानें कैसे करें पूजा?

प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। प्रत्येक महीने में दो दिन यह व्रत रखा जाता है। इस तिथि पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही जीवन में सुख-शांति के लिए व्रत भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत पर विधिपूर्वक प्रभु की पूजा करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 15 May 2024 02:19 PM (IST)
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Som Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत भगवान शिव को है समर्पित, जानें कैसे करें पूजा?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Som Pradosh Vrat 2024 Puja Vidhi: हिंदू नववर्ष में साल पहला सोम प्रदोष व्रत 20 मई (Som Pradosh Vrat 2024 Date) को है। हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। इस तिथि पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही जीवन में सुख-शांति के लिए व्रत भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत पर विधिपूर्वक प्रभु की पूजा करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और महादेव प्रसन्न होते हैं। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा किस तरह करना कल्याणकारी माना जाता है।

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सोम प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त (Som Pradosh Vrat 2024 Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की ​त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 20 मई दोपहर 03 बजकर 58 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 21 मई को शाम 05 बजकर 39 मिनट पर होगा। ऐसे में सोम प्रदोष व्रत 20 मई को किया जाएगा।

सोम प्रदोष व्रत पूजा विधि (Som Pradosh Vrat Puja Vidhi)

प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। मंदिर की अच्छे से साफ-सफाई करने के बाद चौकी पर कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और मां पार्वती की प्रतिमा विराजमान करें। इसके बाद शिव को बिल्वपत्र, शमी के फूल और धतूरा आदि अर्पित करें और मां पार्वती को शृंगार की चीजें चढ़ाएं। दीपक जलाकर आरती करें। प्रभु के मंत्रों का जाप और शिव चालीसा का पाठ करें। अंत में भगवान शिव को दही और घी समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।