Som Pradosh Vrat 2024: भगवान शिव की पूजा के समय करें इस मंगलकारी स्तोत्र का पाठ, अन्न-धन से भर जाएंगे भंडार
ज्योतिषियों की मानें तो सोमवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने पर यह सोम प्रदोष व्रत कहलाता है। इस व्रत को करने से जातक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। अतः साधक श्रद्धा भाव से सोमवार के दिन विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करते हैं। साथ ही उनके निमित्त प्रदोष व्रत रखते हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 20 May 2024 07:00 AM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Som Pradosh Vrat 2024: सोमवार का दिन भगवान शिव को अति प्रिय है। इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही सोमवार का व्रत किया जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो सोमवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने पर यह सोम प्रदोष व्रत कहलाता है। इस व्रत को करने से जातक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। अतः साधक श्रद्धा भाव से सोमवार के दिन विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करते हैं। साथ ही उनके निमित्त प्रदोष व्रत रखते हैं। अगर आप भी अपने जीवन में व्याप्त अन्न और धन की कमी से निजात पाना चाहते हैं, तो प्रदोष व्रत पर विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय ये मंगलकारी स्तोत्र का पाठ करें।
शिव अनादि है, शिव भगवंत है,शिव ओंकार है, शिव ब्रह्म है,शिव शक्ति है, शिव भक्ति है ।।ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥रुप मंगलम् शिव शृंगार मंगलम् ।भस्मांगधारीका परीवार मंगलम् ।ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥
पर्वत कैलाश का आधार मंगलम् ।शंभू महाशक्ति है साकार मंगलम् ।ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ।ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॥जटा मंगलम् गंगाधार मंगलम् ।चंद्र मंगलम् चंद्राकार मंगलम् ।ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥तीन नयनधारी है त्रिकाल मंगलम् ।नीलकंठधारी महाकाल मंगलम् ।
ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥कंठमुंडमाल सर्फ हार मंगलम् ।कालिसंग काल प्रलयंकार मंगलम् ।ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥रुद्र मंगलम् रुद्राक्ष मंगलम् ।चतुर्भुज शंभू के शुभ हाथ मंगलम् ।ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ।ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॥
त्रिशूल मंगलम् डमरुवात मंगलम् ।है अंत मंगलम् मध्य आद्य मंगलम् ।ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥दिव्य अंग वस्त्र व्याघ्रचर्म मंगलम् ।शंभू महादेव के है मर्म मंगलम् ।ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥दिव्य देव के दोनो चरण मंगलम् ।प्रभु अविनाशी के पदत्राण मंगलम् ।ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।
शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥है वाम अंग पार्वती देवी मंगलम् ।चरणोंमें शिवगण है सारे सेवी मंगलंॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥पुत्र कार्तिकेय श्री प्रथमेश मंगलम् ।देवों के देव है गणेश मंगलम् ।ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥व्दादशज्योतिर्लिंग है शिवनाथमंगलंसोमेश्वरनाथ विश्वनाथ मंगलम् ।
ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥रामेश्वर शंभू है केदार मंगलम् ।घृष्मेश्वर भीमा ओंकार मंगलम् ।ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥मल्लिकार्जुन नागेश्वरनाथ मंगलम् ।महाकालेश्वर वैद्यनाथ मंगलम् ।ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥त्र्यंबकेश्वर शिव संचार मंगलम् ।कणकण में शंभू निराकार मंगलम् ।
ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥ॐ नमः शिवायका उच्चार मंगलम् ।महामंत्र महिमा आकार मंगलम् ।मुक्ति भुक्ति दाता शिवव्दार मंगलम् ।नमन वंदना से भव पार मंगलम् ।ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।शिव मंगलम् रविवार मंगलम् ॥*ॐऽऽ… ॐ… ॐ… ॐ…*ॐ शांति ! ॐ शांति !! ॐ शांति ।।यह भी पढ़ें: कब और कैसे हुई धन की देवी की उत्पत्ति? जानें इससे जुड़ी कथा एवं महत्व
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