Move to Jagran APP

Somwar Puja: सोमवार की पूजा इस स्तोत्र के पाठ के बिना है अधूरी, सभी मुरादें होंगी पूरी

सनातन शास्त्रों में सोमवर के दिन का विशेष उल्लेख किया गया है। इस खास अवसर पर भगवान शिव और मां पार्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में अन्न वस्त्र और धन का दान किया जाता है। धार्मिक मत है कि इन कार्यों को करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 21 Oct 2024 07:30 AM (IST)
Hero Image
Lord Shiv: सोमवार के दिन महादेव का होता है महाभिषेक

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान शिव को सोमवार का दिन प्रिय है। इस दिन महादेव की पूजा-अर्चना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही विवाह के योग बनते हैं। धार्मिक मान्यता है कि विधिपूर्वक उपासना करने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है। अगर आप जीवन को खुशहाल बनाए रखना चाहते हैं, तो सोमवार की पूजा के दौरान शिव पंचाक्षर स्तोत्र और श्री शिवरामाष्टक स्तोत्र का पाठ करें। मान्यता है कि इसका पाठ करने से जातक की सभी मुरादें जल्द पूरी होती हैं और महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

॥ शिव पञ्चाक्षर स्तोत्रम् ॥

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनायभस्माङ्गरागाय महेश्वराय।

नित्याय शुद्धाय दिगम्बरायतस्मै न काराय नमः शिवाय॥

मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चितायनन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय।

मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजितायतस्मै म काराय नमः शिवाय॥

शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्दसूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।

श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजायतस्मै शि काराय नमः शिवाय्॥

वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।

चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनायतस्मै व काराय नमः शिवाय॥

यक्षस्वरूपाय जटाधरायपिनाकहस्ताय सनातनाय।

दिव्याय देवाय दिगम्बरायतस्मै य काराय नमः शिवाय॥

पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ।

शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥

॥ इति श्रीमच्छङ्कराचार्यविरचितं शिवपञ्चाक्षरस्तोत्रं सम्पूर्णम्। ॥

यह भी पढ़ें: Somwar Ke Upay: सोमवार के दिन पूजा के समय करें ये उपाय, मानसिक तनाव से मिलेगी निजात

॥ श्री शिवरामाष्टकस्तोत्रम् ॥

शिवहरे शिवराम सखे प्रभो,त्रिविधताप-निवारण हे विभो।

अज जनेश्वर यादव पाहि मां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥

कमल लोचन राम दयानिधे,हर गुरो गजरक्षक गोपते।

शिवतनो भव शङ्कर पाहिमां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥

स्वजनरञ्जन मङ्गलमन्दिर,भजति तं पुरुषं परं पदम्।

भवति तस्य सुखं परमाद्भुतं,शिवहरे विजयं कुरू मे वरम्॥

जय युधिष्ठिर-वल्लभ भूपते,जय जयार्जित-पुण्यपयोनिधे।

जय कृपामय कृष्ण नमोऽस्तुते,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥

भवविमोचन माधव मापते,सुकवि-मानस हंस शिवारते।

जनक जारत माधव रक्षमां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥

अवनि-मण्डल-मङ्गल मापते,जलद सुन्दर राम रमापते।

निगम-कीर्ति-गुणार्णव गोपते,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥

पतित-पावन-नाममयी लता,तव यशो विमलं परिगीयते।

तदपि माधव मां किमुपेक्षसे,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥

अमर तापर देव रमापते,विनयतस्तव नाम धनोपमम्।

मयि कथं करुणार्णव जायते,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥

हनुमतः प्रिय चाप कर प्रभो,सुरसरिद्-धृतशेखर हे गुरो।

मम विभो किमु विस्मरणं कृतं,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥

नर हरेति परम् जन सुन्दरं,पठति यः शिवरामकृतस्तवम्।

विशति राम-रमा चरणाम्बुजे,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥

प्रातरूथाय यो भक्त्या पठदेकाग्रमानसः।

विजयो जायते तस्य विष्णु सान्निध्यमाप्नुयात्॥11॥

॥ इति श्रीरामानन्दस्वामिना विरचितं श्रीशिवरामाष्टकं सम्पूर्णम् ॥

शिव मूल मंत्र

ॐ नमः शिवाय॥

रूद्र मंत्र

ॐ नमो भगवते रूद्राय ।

रूद्र गायत्री मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय

धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

शिव प्रार्थना मंत्र

करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।

विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥

यह भी पढ़ें: Lord Shiv: सोमवार को महादेव को इस तरह करें प्रसन्न, खुशियों से भर जाएगा जीवन

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।