Surya Dev Puja: सूर्य देव को जल चढ़ाते समय इन बातों का रखेंगे ध्यान, तो जीवन में नहीं आएगी कोई परेशानी
Surya Dev Puja सनातन धर्म में रविवार का दिन सूर्य देव की पूजा के लिए समर्पित माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पर सूर्य देव की पूजा कर उन्हें जल चढ़ाने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। लेकिन इस दौरान कुछ खास नियमों का भी ध्यान रखना जरूरी है तभी सूर्य देव को जल चढ़ाने का पूर्ण लाभ मिलता है।
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Wed, 06 Dec 2023 05:38 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Surya Dev Puja Niyam: सनातन धर्म में सूर्य देव को पूजनीय माना जाता है। साधकों द्वारा प्रतिदिन उगते हुए सूर्य को जल दिया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से साधक को कार्यक्षेत्र में भी सफलता मिलती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इतना ही नहीं, प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य देने से जातक को बल, बुद्धि और विद्या की भी प्राप्ति होती है।
जल अर्पित करने की सही विधि
यदि सूर्य देव को सही विधि से जल अर्पित किया जाए तो इससे साधक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ऐसे में जल अर्पित सूर्य देव को अर्घ देते समय अपनी नजरें लोटे की जलधारा की ओर रखें। जल अर्पित करते समय जल की धार में सूर्य का प्रतिबिंब एक बिंदु के रूप में दिखाई देना चाहिए। जल देने के बाद सूर्य देव को प्रणाम करें और अपने सफल भविष्य के लिए कामना करें। साथ ही अर्घ्य देते समय इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए -
'ॐ सूर्याय नमः'
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ये हैं जरूरी नियम
हिंदू धर्म में उगते सूरज को अर्घ्य दिए जाने का विधान है। सूर्य पूर्व दिशा से उदित होता है, इसलिए साधक को पूर्व दिशा में ही मुख करके जल अर्पित करना चाहिए। पूजा करते समय पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना गया है।सूर्य को अर्घ्य देते समय उसमें लाल फूल या काले तिल डालकर जल अर्पित करने से विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है। वहीं, अर्घ्य देने के लिए तांबे का पात्र सबसे अच्छा माना गया है। साथ ही सूर्य देव को अर्घ्य देते समय तन और मन की स्वच्छता का ध्यान जरूर रखें।यह भी पढ़ें - Brihaspati Kavach: आर्थिक तंगी से पाना चाहते हैं निजात, तो गुरुवार के दिन जरूर करें गुरु कवच का पाठ
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