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Temple Donation Tips: मंदिर में इन चीजों का करें दान, तर जाएंगी सातों पीढ़ियां

हिंदू धर्म में दान करना बहुत पुण्य का काम माना गया है। दान-पुण्य करने से न सिर्फ ईश्वर का आशीर्वाद मिलता है बल्कि घर में सुख-शांति और बरकत भी आती है। यह भी कहा जाता है कि मंदिर में दान करने से व्यक्ति की सातों पीढ़ियां तर जाती हैं।

By Jagran NewsEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Fri, 19 May 2023 03:06 PM (IST)
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Temple Donation Tips मंदिर में दान करें ये चीजें।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Temple Donation Tips: हिंदू मान्यताओं के अनुसार, दान का बहुत महत्व है। अगर आप मंदिर में दान कर रहें है तो इससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद हमेशा आपके ऊपर बना रहता है। यहां पर सवाल ये उठता है कि मंदिरों में क्या वस्तुएं दान करनी चाहिए जिससे दान का फल प्राप्त हो।

नए मंदिर में करें दान

अगर आपके आस-पास किसी नए मंदिर का निर्माण हो रहा है तो ऐसे में आप देवी-देवताओं की मूर्ति दान कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही आपको अपनी कमाई का कुछ हिस्सा मंदिर के निर्माण के लिए भी देना चाहिए।

माता रानी को प्रिय है श्रृंगार

माता के मंदिर में श्रृंगार दान करना चाहिए। क्योंकि माता रानी को श्रृंगार अति प्रिय है। इससे वह प्रसन्न होती हैं और अपनी दया दृष्टि भक्तों पर बनाएं रखती हैं।

हनुमान के मंदिर में ये चीज करें दान

बजरंगबली को नारंगी लंगोट बहुत प्रिय है। मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर में नारंगी रंग का लंगोट दान करने से व्यक्ति पर हनुमान की कृपा बनी रहती है। इससे आपके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

ये चीजें न करें दान

वास्तु शास्त्र के अनुसार लोहे का सामान दान करने से आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि लोहे का सीधा संबंध शनिदेव से होता है। लोहे का सामान दान करने से शनिदेव नाराज होते हैं। इसी प्रकार काले तिल का दान भी नहीं करना चाहिए। काले तिल का सीधा संबंध राहु और केतु से माना गया है।

By- Suman Saini

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'