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Parivartini Ekadashi 2023: परिवर्तिनी एकादशी पर सुकर्मा योग समेत बन रहे हैं ये 5 संयोग, प्राप्त होगा अक्षय फल

Parivartini Ekadashi 2023 धार्मिक मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने से साधक को मृत्यु लोक में स्वर्ग लोक समान सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है। ज्योतिषियों की मानें तो परिवर्तिनी एकादशी पर दुर्लभ सुकर्मा योग समेत कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इन शुभ योगों में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को कई गुना अधिक फल प्राप्त होगा।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 20 Sep 2023 04:47 PM (IST)
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Parivartini Ekadashi 2023: परिवर्तिनी एकादशी पर दुर्लभ सुकर्मा योग समेत बन रहे हैं ये 5 संयोग, प्राप्त होगा अक्षय फल
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Parivartini Ekadashi 2023: हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। तदनुसार, इस वर्ष 25 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी है। सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने से साधक को मृत्यु लोक में स्वर्ग लोक समान सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। ज्योतिषियों की मानें तो परिवर्तिनी एकादशी पर दुर्लभ सुकर्मा योग समेत कई अद्भुत शुभ संयोग बन रहे हैं। इन शुभ योगों में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को कई गुना अधिक फल प्राप्त होगा। आइए, इन योगों के बारे में जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 25 सितंबर को सुबह 07 बजकर 55 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 26 सितंबर को सुबह 05 बजे समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अत: 26 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। साथ ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाएगी। वहीं, 27 सितंबर को पारण किया जाएगा।

शुभ योग

  • ज्योतिषियों की मानें तो परिवर्तिनी एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। पंचांग के अनुसार, प्रातः काल 11 बजकर 55 मिनट के बाद सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जो अगले दिन प्रात:काल 06 बजकर 11 मिनट तक है। इस समय शुभ कार्य कर सकते हैं।
  • परिवर्तिनी एकादशी पर रवि योग भी बन रहा है। पंचांग के अनुसार, रवि योग प्रात: काल 06 बजकर 11 मिनट से लेकर 11 बजकर 55 मिनट तक है। इस समय में जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करना शुभ फलदायी होता है। इस दौरान शुभ कार्य करने की अनुमति होती है।
  • ज्योतिष शास्त्रों की मानें तो परिवर्तिनी एकादशी तिथि पर सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। यह योग किसी काम का श्रीगणेश करने के लिए उत्तम माना जाता है। अत: इस दौरान शुभ कार्य कर सकते हैं। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से जन्म जन्मांतर में किए गए पाप कट जाते हैं।
  • पंचांग के अनुसार, परिवर्तिनी एकादशी पर दिन में 11 बजकर 55 मिनट तक उत्तराषाढा नक्षत्र है। इसके पश्चात,श्रवण नक्षत्र है। दोनों ही नक्षत्र शुभ काम करने के लिए शुभ हैं। साथ ही इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।